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अस्पतालों में कोरोना से लड़ाई, बस दावें हैं दावों का क्या

अस्पतालों में कोरोना से लड़ाई, बस दावें हैं दावों का क्या , दवा और इलाज तो दूर जांच भी मयस्सर नहीं हो रही, रसीद कटवाने के बावजूद भी पेंडुलम बन रहे...

अस्पतालों में कोरोना से लड़ाई,  बस दावें हैं दावों का क्या
हिन्दुस्तान टीम,बहराइचThu, 15 Apr 2021 10:30 PM
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बहराइच। कार्यालय संवाददाता

जिले में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है, मौतें भी हो रही हैं। मेडिकल कालेज सहित अन्य अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है। आरटीपीसीआर जांच भी गुरुवार को ठप रही। गुरुवार को जांच करने वाली पूरी टीम की रिपोर्ट पाजिटिव बताकर जांच कराने आने वालों को वापस कर दिया गया। एक पीड़ित ने तो फीस जमाकर रसीद भी कटवा ली थी, फिर भी नहीं की गई। जांच के लिए उसे मेडिकल कालेज से ट्रामा सेंटर व आयुर्वेदिक अस्पताल, औषधि सेक्शन आदि का चक्कर लगवाया गया, किन्तु उसकी जांच नहीं हो सकी। यह पढ़े लिखे, जानकार और सरकारी कर्मचारियों का हाल है। ग्रामीण इलाकों से आने वाले सामान्य मरीजों का क्या हाल होता होगा, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कोई कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। लोग कहां जाएं किससे कहें समझ नहीं पा रहे हैं। पीड़ितों ने डीएम और सदर विधायक को ट्वीट किया है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप से बहराइच की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं। कोरोना की जांच के लिए लगी टीम की रिपोर्ट पाजिटिव होना बताकर गुरुवार को रैन बसेरे में होने वाली आरटीपीसीआर की जांच भी बन्द कर दी गई है। जांच कराने के लिए 600 रुपए फीस जमा होने के बाद भी जांच नहीं हुई। दर्जनों लोगों को अस्पताल कैंपस में बने रैन बसेरे से लौटना पड़ा। वहीं दूसरी ओर जिनकी रिपोर्ट पाजिटिव आई है, उनको भी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैय्या नहीं हो पा रही हैं। आपात कालीन सेवा के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय का नंबर भी ठप पड़ा है। दर्जनों बार कोविड हेल्प के लिए बने सेंटर पर फोन करने के बाद भी पीड़ितों को न दवा मिल पा रही है, और न ही उनके परिवार के लोगों के सैंपल ही लिए जा रहे हैं। शहर के मोहल्ला गुलाम अलीपुरा के पीड़ित एक बेसिक शिक्षक ने बताया कि उनकी जांच रिपोर्ट 12 अप्रैल को पाजिटिव आई थी। लगातार हेल्प सेंटर पर फोन करने के बावजूद कोई टीम परिवार के लोगों का सैंपल लेने नहीं पहुंची, और न ही इलाके को सैनिटाइज ही किया गया। तीन दिन बाद 15 अप्रैल को दवा के नाम केवल जिंक टैबलेट पकड़ा कर कर्तव्यों की इति श्री कर ली गई।

सैम्पल लेने के बाद भी नहीं हुई जांच

बहराइच। शहर के मोहल्ला बशीरगंज निवासी युवक ने बताया कि 11 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किसान महाविद्यालय के रूम नम्बर 8 में उनका प्रशिक्षण था। उसर रात उन्हें जुकाम व खांसी की शिकायत हुई। 13 अप्रैल से उन्हें कोई गंध व खुशबू नहीं आ रही है। उन्होंने स्वयं सावधानी बरतते हुए खुद को परिवार से अलग कर आइसोलेट कर लिया। कोविड कंट्रोल रूम से संवाद स्थापित कर वस्तु स्थिति से अवगत कराता रहा। इसी क्रम में कंट्रोल रूम से बात कर, स्वास्थ्य में कोई सुधार न होता देखकर गुरुवार को वह कोविड- 19 की जांच कराने जिला अस्पताल के कोविड सेंटर पहुंचे थे। जहां पर आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए 600 रुपए जमा कर रसीद कटवाई, इसके बाद सैंपल भी लिया गया। बाद में एक कर्मचारी ने आकर बताया कि लैब बन्द है। सैम्पल मत लें और फॉर्म व रसीद वापस कर दें, अगले दिन आने को कहकर फार्म व रसीद वापस कर दिया गया।

दिनभर एक से दूसरे अस्पताल को दौड़ाते रहे कर्मचारी

बहराइच। जब उन्होंने एंटीजन रैपिड टेस्ट करने के लिए कहा, तो उनसे कहा गया कि सीएमएस के रूम नंबर 6 से परचे पर लिखा कर लाएं। परचे पर लिखा कर लाने के बाद यह कह कर वापस कर दिया कि किट नहीं है। आप ट्रामा सेंटर जाकर पता कर लें। ट्रामा सेंटर गए तो वहां भी असमर्थता जता कर जिला आयुर्वेद अस्पताल पानी टंकी चौराहे के पास भेजा गया। अपरान्ह 3 बजे जब वहां पहुंचे तो वहां ताला बंद था। कंट्रोल रूम से संपर्क करने पर पुनः जिला अस्पताल के रैन बसेरा में टेस्ट करवाने को कहा गया। वहां जाने पर उपस्थित कर्मचारी ने औषधि सेक्शन में जांच करवाने को भेजा। वहां से फिर रैन बसेरा में वापस भेजा गया, लेकिन जांच कब और कैसे होगी, कोई भी इस बारे में बता नहीं सका। पुनः कंट्रोल रूम से बात करने पर बताया गया कि अब शिफ्ट बदल चुकी है, पहले वालों ने क्या कहा, वह नहीं जानते। इस प्रकार गुरुवार को पूरे दिन कर्मचारी उन्हें दौड़ाते रहे किन्तु उनकी जांच नहीं हो सकी।

कोट

कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण जांच में दो दिनों से कुछ दिक्कतें आ रही थीं। मैने स्वयं जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया है। आज दोपहर बाद से सभी व्यवस्था ठीक करा दी गई है। कोरोना की जांचें सुचारु रूप से चल रही हैं।

प्रोफेसर डॉ.एके साहनी, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, बहराइच

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