बहराइच: साइबर क्राइम के तीन आरोपियों का जमानत निरस्त
साइबर क्राइम के तीन आरोपियों की जमानत अर्जी अपर जिला जज चतुर्थ की कोर्ट ने खारिज कर दी। बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद अपर जिला जज चतुर्थ शैलेन्द्र सचान ने अपना फैसला सुनाया। तीनों...
साइबर क्राइम के तीन आरोपियों की जमानत अर्जी अपर जिला जज चतुर्थ की कोर्ट ने खारिज कर दी। बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद अपर जिला जज चतुर्थ शैलेन्द्र सचान ने अपना फैसला सुनाया। तीनों आरोपी विगत 27 जून से जिला कारागार में निरुद्ध हैं। कोर्ट ने बचाव पक्ष के तर्कों को जमानत का आधार नहीं माना। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुनील कुमार जायसवाल ने बहस की।
इस मामले की प्राथमिकी रुपईडीहा थाने में जालसाजी तथा आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में दर्ज कराई गई थी। जमानत प्रार्थना पत्र में अभियुक्त शशि जोशी पुत्र रंजीत जोशी निवासी हाउस नंबर एच 41, कुंवर सिंह नगर नांगलोई निरोठी मोर थाना निहाल नगर नई दिल्ली, कमलेश गुप्ता पुत्र राम स्वरूप गुप्ता निवासी 64-65 गली नम्बर डी 4 कुंवर सिंह नगर थाना निहाल नगर पश्चिम नई दिल्ली, सुमित कुमार शर्मा पुत्र किशुन शर्मा निवासी ए 152 रिशाल गार्डेन नांगलोई थाना निहाल नगर नयी दिल्ली ने स्वयं को निर्दोष बताया। उनका कहना था कि उनके नाम प्राथमिकी में नहीं है सह अभियुक्तों के बयान के आधार पर उनका नाम फर्जी तरीके से जोड़ा गया है। विवेचक की ओर से धारा 41 (ए) सीआरपीसी के प्रावधानों का निस्तारण नहीं किया गया। अभियुक्तों का कोई अपराधिक इतिहास नहीं है।
दूसरी तरफ अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि अपराधी नियोजित तरीके से अपराध करते हैं। इनके पास से बरामद साक्ष्य इस बात का प्रमाण हैं। इन्होंने कई भोले भाले लोगों से लोन दिलाने के नाम पर ठगी की है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इनके अपराध के शिकार कितने लोग हैं। ऐसे में इनका जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त करने के योग्य है। दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश ने बचाव पक्ष के तर्कों को जमानत का आधार न मानते हुए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।