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यमुना के रौद्र रूप से गांवों में बाढ़ का खतरा

पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी...

पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी...
1/ 3पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी...
पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी...
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हिन्दुस्तान टीम,बागपतSun, 29 Jul 2018 11:55 PM
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पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी है। हथनीकुंड बैराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने से यमुना उफान पर है।

यमुना किनारे स्थित गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। सैकड़ों बीघा फसल यमुना में बहने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है।इस समय यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है। हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना ऊफान पर चल रही है, जिससे यमुना किनारे स्थित दर्जनों गांवों में हालात बद से बदतर होने को है।

किसानों की सैकड़ों बीघा फसल यमुना में बह चुकी है, जिससे लाखों रुपये की आर्थिक क्षति किसानों को पहुंची है। छपरौली, टांडा, कुरडी, शबगा, बदरखा, जागोस और कोताना आदि गांवों में यमुना का पानी किनारे तक पहुंच चुका है। गन्ने, ज्वार से लेकर अन्य सब्जियों की फसल पूरी तहर से बर्बाद होने से किसान रोने को मजबूर हुए हैं। हर बार की तरह इस बार भी यमुना गांवों में तबाही मचाने को बेताब है।

यही कारण है कि प्रशासन ने भी यमुना किनारे स्थित गांवों में अलर्ट घोषित करते हुए हल्का लेखपालों व तहसील के अन्य अधिकारियों को मौके पर ही डटे रहकर पल-पल की जानकारी मुहैय्या कराने के निर्देश जारी किए हैं। एसडीएम अरविंद कुमार द्विवेदी का कहना है कि यमुना का जलस्तर अभी उतना अधिक नहीं है कि पानी गांवों में घुस आए, लेकिन यमुना में किसानों की फसलें अवश्य डूबने से लाखों रुपये का आर्थिक नुकसान उन्हें पहुंचा हैं।

जागोस गांव में रामपाल शर्मा की 10 बीघा ईंख की फसल, तिलकराम की सात बीघा लोकी, हरा धनिया, करेला, मिर्च की फसल, राजन कश्यप नौ बीघा में उगाई गई करेला व अन्य सब्जियां, विजयपाल कश्यप की पांच बीघा हरी मिर्च, सुरेश कश्यप की पांच बीघा करेला, ज्वार व धनिया, नरेश कश्यप की तीन बीघा धनिया, मिर्च की फसल बर्बाद हो गई है।

वहीं कोताना में रमेश सैनी की नौ बीघा धनिया, मिर्च, राकेश की सात बीघा धनिया, मिर्च, करेला, विनोद कश्यप व धीर सिंह की आठ बीघा ज्वार, गन्ना की फसलें यमुना के पानी में समा चुकी है। गांवों के मुख्य रास्ते तक यमुना का पानी पहुंच चुका है जोकि रास्ते का तेजी से कटान भी कर रहा है।

इस कारण ग्रामीणों में भी भय व्याप्त हो गया है। ग्रामीण अपने सामान को खादर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लगे हुए हैं। प्रशासन ने सभी ग्रामीणों को यमुना से दूर रहने के निर्देश जारी किए हैं।

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