इस बार बायोमेट्रिक के जरिए होगी गेहूं खरीद
इस बार गेहूं खरीद बायोमैट्रिक के जरिए होगी। गेहूं बेचने से पहले किसानों को अपनी बायोमैट्रिक दर्ज करानी होगी। सभी क्रय केंद्रों पर ई पॉश मशीन भी...

इस बार गेहूं खरीद बायोमैट्रिक के जरिए होगी। गेहूं बेचने से पहले किसानों को अपनी बायोमैट्रिक दर्ज करानी होगी। सभी क्रय केंद्रों पर ई पॉश मशीन भी लगाई जाएंगी। सरकार द्वारा निर्धारित 2015 रुपये प्रति कुंतल के दाम पर गेहूं खरीद की जाएगी। विपणन विभाग ने गेहूं खरीद की तैयारी शुरू कर दी है।
गेहूं खरीद में इस बार बिचौलियों की दखल नहीं चलेगी। सरकार ने खरीद का तरीका ही बदल दिया है। बायोमेट्रिक सिस्टम से खरीद होगी। इसके लिए केंद्रों पर पाश मशीन लगेगी। इसे जीपीएस सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि अधिकारी मशीन की लोकेशन लेते रहें। परिवार में दो लोगों का पंजीकरण होगा। किसान के साथ ही उसके परिवार के एक और सदस्य का पंजीकरण किया जाएगा। गेहूं बेचने के लिए केंद्र पर इनमें से किसी एक का उपस्थित रहना जरूरी है। उनका अंगूठा पाश मशीन में मैच करेगा तभी अनाज की खरीद होगी। धान हो या गेहूं की खरीद अक्सर केंद्र प्रभारी, बिचौलियों की ओर से धांधली की शिकायतें आती हैं। कार्रवाई भी होती है, लेकिन गड़बड़ी रुक नहीं पाती। सरकार के खरीद के तरीके से कुछ हद तक रोक लगेगी।
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कैसे होगा किसानों का पंजीकरण-
अब तक उसी किसान का पंजीकरण होता था, जिसके नाम से खेत है। उसी को बिक्री के लिए अनाज समेत केंद्र पर आना पड़ता था। नई व्यवस्था में अब पंजीकरण के साथ अभिलेख तो वही लगेंगे जो पूर्व में लगते थे, लेकिन आधार कार्ड दो लोगों का लगेगा। इसमें किसान, उसका बेटा या भाई भी शामिल हो सकता है। किसान यदि केंद्र पर आने में असमर्थ है, तो बेटे या भाई का पास मशीन में अंगूठा स्कैन होगा तभी खरीद हो सकेगी।
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लोकेशन पर रहेगी पॉश मशीन-
इस बार ई पॉश मशीन जीपीएस सिस्टम से लैस होगी। उसकी मानिटरिग कंट्रोल रूम और जिला खाद्य विपणन विभाग करेगा। कोई केंद्र प्रभारी पॉश मशीन को लेकर इधर-उधर भी गया तो गड़बड़ी पकड़ में आ जाएगी।
