सर्दी का सितम दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को तो न्यूनतम तापमान लुढ़कर 3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। दिनभर छाए रहे घने कोहरे के चलते जन जीवन अस्त-व्यस्त बना रहा। ठंड से बचने के लिए लोग घरों में दुबके रहे।
जिले में हाड़ कंप-कंपा देने वाली ठंड का सितम जारी है। शुक्रवार को तो छन भर के लिए सूर्यदेव के दर्शन हुए। पूरे दिन आसमान कोहरे की चादर से ढंका रहा। कोहरे व ठंड के कारण यातायात व्यवस्था भी प्रभावित रही। जनपद से गुजरने वाले ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे समेत सभी हाइवे ओर अन्य मार्गों पर वाहन रेंगकर चलते रहे। दुर्घटनाओं से बचने के लिए उन्होंने वाहनों की हेड लाइट जलाए रखी। इसके बावजूद 40 से अधिक वाहन आपस में टकराकर क्षतिग्रस्त हो गए। मौसम विभाग के अनुसार जिले का अधिकतम तापमान 14 व न्यूनतम तापमान 3 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। भीषण ठंड से बचने के लिए लोग पूरे दिन घरों में कैद रहे, लेकिन गर्म वस्त्र और अलाव भी उन्हें सर्दी से निजात नहीं दिला सके। वहीं शुक्रवार को भी जिले के लोगों को प्रदूषण की समस्या से निजात नहीं मिल सकी। आज भी एक्यूआई 269 दर्ज हुआ। प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई। कृषि वैज्ञानिक डा. संदीप चौधरी का कहना है कि पहाड़ों में हो रही बर्फबारी के चलते ठंड का सितम जारी रहेगा।
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कोयले व लकड़ी के बाजार में तेजी-
बढ़ती ठंड के साथ ही कोयले व लकड़ी के बाजार में तेजी आ गई है। नगर के मेन मार्केट में कोयले व लकड़ी की दुकानों पर ग्राहकों की शुक्रवार को भारी भीड़ देखी गई। कोयला 35 से 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिका। वहीं दूसरी ओर इलेक्ट्रानिक की दुकानों पर हिटर की खरीद में तेजी आई है।
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गर्म कपड़ों की खरीद बढ़ी-
गतवर्ष कम ठंड पड़ने के कारण गर्म कपड़े की दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, लेकिन इस वर्ष दिसंबर के प्रारंभ से ही ठंड ने अपना असर दिखा दिया है। बढ़ते ठंड के साथ ही मेन मार्केट स्थित गर्म कपड़ों के दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी गई। दुकानदार अशोक, दिनेश, राजकुमार आदि ने बताया कि ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों के लिए ग्राहकों की भीड़ बढ़ रही है। बताया कि अगर ठंड इसी तरह कुछ दिन और रह गया तो पिछले साल का घाटा इस बार पूरा हो जाएगा।
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ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ा-
सर्दी बढ़ने के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है। आमतौर पर सर्दियों के मौसम में 50 से 65 साल की उम्र के लोगों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन अब 40 साल के आसपास के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है बदलती लाइफ स्टाइल और खानपान। ब्रेन स्ट्रोक में अचानक काम करना बंद कर देती हैं। बोलने की क्षमता प्रभावित होती है और आंखों से साफ दिखाई नहीं देता। ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों में सामान्य लोगों के मुकाबले ब्रेन स्ट्रोक का खतरा दोगुना ज्यादा रहता है। खास बात यह है कि इसका कोई प्रारंभिक लक्षण नहीं होता है। किसी व्यक्ति को अचानक ब्रेन स्ट्रोक हो जाए तो शुरुआती चार घंटे उसके लिए बेहद अहम होते हैं। इन चार घंटों में उपचार और मरीज की सही देखरेख से मरीज की जान बचाई जा सकती है।
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ठंड लगने के लक्षण-
-अचानक बुखार आना।
-बार-बार छींकना।
-स्वाद व सुगंध की अनुभूति कम होना।
-बार-बार खांसी आना।
-गले में घरघराहट।
-नाक बंद हो जाना।
-सिर में दर्द उठना।
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वाहन चालक बरतें निम्न सावधानियां-
- वाहन में रिफ्लेक्टर का प्रयोग जरूर करें
- गाडी चलाते समय हेडलाइट को लो बीम पर रखें
- कोहरे में सड़क के बाए किनारे को देख कर वाहन चलाएं
- वाहन तेज गति से न चलाएं
- सड़क पर पीली लाइट के साथ चलें, इससे वाहन चलाने में आसानी होगी
आगे चल रहे वाहन से निश्चित दूरी बना कर रखें
- इंडीकेटर का प्रयोग जरूर करें
- हेडलाइट के साथ ही फॉग लाइट का भी प्रयोग करें
- वाहन चलाते समय ओवरटेक की कोशिश न करें