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सुनील राठी का भाई तो नहीं दूसरा हत्यारा!

माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही...

माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही...
1/ 3माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही...
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही...
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माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही...
3/ 3माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही...
हिन्दुस्तान टीम,बागपतWed, 18 Jul 2018 12:04 AM
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माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल के अंदर हत्या की वारदात के बाद जैसे-जैसे वक्त गुजरता जा रहा है। इससे जुड़े नए तथ्यों पर भी माथापच्ची बढ़ती चली जा रही है। अभी तक की जांच में जो हत्याकांड की कहानी उभर कर सामने आ रही है।

उसमें पाया जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी को एक नहीं दो पिस्टल से गोलियां मारी गई हैं। इसके अलावा इस वारदात में सुनील राठी के अलावा भी दो लोगों के शामिल होने की चर्चा आम है। अब सवाल यह उठ रहा है कि कहीं मुन्ना बजरंगी पर गालियां बरसाने में उसका सगा भाई तो शामिल नहीं था।

सुनील का बड़ा भाई अरविंद राठी उसके आने से पहले ही बागपत जेल में बंद है। जेलर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा उससे भी पूछताछ की जा रही है।जेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुनील राठी का बड़ा भाई अरविंद राठी करीब एक साल से यानी सुनील राठी के यहां आने से पहले से बागपत जेल में बंद है। हत्या के मामले में वह भी उम्रकैद की सजा काट रहा है। सुनील राठी के यहां आने के बाद चाचा के साथ जेल में उसकी भी धमक बढ़ गई थी। बताया जाता है कि वैसे तो वह बैरक में बंद था, मगर उसकी आवाजाही जेल के हर हिस्से तक थी।

आठ जुलाई की रात जब पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल में लाया गया था उस समय सुनील राठी, उसका सगा भाई अरविन्द राठी व ताऊ राम निवास राठी बागपत जेल में ही बंद थे। 9 जुलाई को जैसे ही बजरंगी की हत्या की खबर जेल से बाहर निकली तो जिला प्रशासन से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया। चंद घंटे बाद ही पता लग गया कि कुख्यात सुनील राठी ने उसकी हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है।

जांच में मौके से पुलिस को 10 खोखे मिले और 14 घंटे बाद गटर से पिस्टल व दर्जनों गोलियां बरामद हुई। जिसके बाद जेल अधिकारी दबी जुबान में कहने लगे की हत्या में एक नहीं दो पिस्टल का प्रयोग हुआ है। इसके अलावा वारदात में सुनील के अलावा भी दो लोग शामिल रहे, मगर आज तक ना तो दूसरी पिस्टल बरामद हो पाई है और न ही सुनील राठी का साथ देने वाले अन्य बदमाशों का नाम उजागर हुआ है।

अब आशंका जताई जा रही है कि कहीं सुनील राठी का सगा भाई भी दूसरी पिस्टल चलाने वालों में शामिल तो नहीं था। जेलर ने इस बात को स्वीकार किया है कि सुनील राठी के सगे भाई अरविंद राठी से पूछताछ करके उसके बयान दर्ज किए गए हैं।

बोले अधिकारी

सुनील राठी का सगा भाई अरविन्द राठी भी पिछले एक साल से यहां बागपत जेल में बंद है। उसने समय पूर्व रिहाई के लिये आवेदन किया हुआ है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में उससे भी पूछताछ करते हुए बयान दर्ज किये गए हैं। -सुरेश कुमार सिंह, जेलर बागपत जिला जेल

इन सवालों के नहीं मिल रहे जवाब

- आखिर क्यों की गई पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या

- मौके से दस खोखे मिले और मुन्ना के शरीर पर मिले 7 गोलियों के निशान तो क्या हर्ष फायरिंग भी हुई

- अगर दो पिस्टल से गोली बरसाई गई तो दूसरी पिस्टल कहां है

- सुनील राठी के अलावा दूसरा कौन था गोली बरसाने वाला

- कहां गुम हो गए फतेह गढ जेल के गेट से लौटाये गए राठी के बैग

- बजरंगी के परिजनों के आरोपों खुलकर क्यों नहीं बोल रहे अधिकारी

- न्याययिक जांच के लिये अभी तक क्यों नहीं सौंपी गई एफआईआर और पीएम रिर्पोट

देवरिया से सजा माफी की सुनवाई पर आने के बाद वापस नहीं लौटा अरविंद

हत्या के मामले में सजा काटते हुए अरन्दि राठी को हो गए हैं 14 साल पूरेमेरठ से आगरा वहां से नैनी जेल इलाहबाद से होते हुए देवरिया जेल शिफ्ट किया गया था अरविंदबागपत। वरिष्ठ संवाददातातो क्या मुन्ना बजरंगी की जेल में रात गुजरने की तरह सुनील राठी के भाई अरविन्द राठी की बागपत जेल में मौजूदगी सवालों के घेरे में है।

जेल सूत्रों की माने तो एक साल पहले अरविन्द राठी को देवरिया जेल से सजा माफी को लेकर होने वाली बैठक में उसे पेश करने के लिये देवरिया जेल से बागपत लाया गया है तभी से वह यहीं ठहरा हुआ है। जेल अधिकारी कह रहे हैं कि कई बार उसकी देवरिया वापसी के लिये गादर मुहैय्या कराने को लिखा जा चुका है मगर अभी तक गारद नहीं मिली। सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार करीब 15 साल पहले अरविन्द राठी को हत्या के मामले में मेरठ की एक कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

पिछले 14 सालों में मेरठ जेल के बाद उसे पहले आगरा शिफ्ट किया गया उसके बाद इलाहबाद की नैनी जेल, फिर बुलंदशहर, और वहां से देवरिया। बताया जाता है कि अपनी सजा के 14 साल पूरे होने के बाद उसने शासनादेश के आधार पर आम माफी के लिये आवेदन किया था।

डीएम-एसपी समेत कई अधिकारियों की समिति आवेदन पर विर्मश के बाद शासन को अपनी सहमति रिर्पोट भेजती है जिसके बाद आवेदक को रिहा कर दिया जाता है। जेल सूत्रों के अनुसार समिति की बैठक में बंदी को पेश भी किया जाता है और इसी बैठक में पेशी के लिये 18 जुलाई 2017 को बागपत लाया गया था। तभी से वह बागपत जेल में ही रह रहा है। अब वह किसके निर्देश पर एक साल से यहां टिका हुआ है इस पर कोई जेल अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं है। इतना जरुर कहा जा रहा है कि जल्द अरविन्द राठी को वापस देवरिया जेल भेज दिया जायेगा। जेल अधिकारी यहां तक कह रहे हैं कि शिफ्टिंग के लिये कई बार सुरक्षा गारद मांगी जा चुकी है मगर अभी तक नहीं मिली है।

प्रशासन मानता है इन बंदियों से समाज को खतरा

बागपत। समय से पूर्व जेल से रिहाई के लिये बागपत के भी 30 बंदियों ने आवेदन कर रखे हैं। बताया जाता है कि इनमें सुनील राठी का भाई अरविन्द राठी भी शामिल है। आजीवन कारवास की सजा भुगत रहे अरविन्द को 14 साल से अधिक जेल में हो चुके हैं और उसने समय पूर्व रिहाई की मांग कर रखी है।

मगर इसके उलट जिला प्रशासन अभी भी इन बंदियों को समाज के लिये खतरा मान रहा है। सुत्रों के अनुसार डीएम-एसपी की अध्यक्षता में होनी वाली बैठक के बाद जो शासन को रिर्पोट भेजी गई है उसमें साफ लिखा गया है कि इन बंदियों की रिहाई खतरनाक साबित हो सकती है। शायद यही कारण है कि बरसो से बागपत जेल से कोई कैदी समय से पहले रिहा नहीं हो सका।

अंग्रेजी शराब और मुरथल के खाने का शौकीन रहा सुनील राठी

बागपत। वेस्ट यूपी और उत्तराखंड का माफिया डॉन रहा सुनील राठी जिस भी जेल में रहा वहां उसके नाम का सिक्का चलता आया है। रुड़की जेल में तो उसके नाम की इतनी दहशत थी कि बदमाशों के साथ-साथ जेल अधिकारी तक उससे खौफ खाते थे। करीब एक साल दो महीने पहले जब वह शिफ्ट होकर बागपत जेल में आया तो यहां भी उसका यही अंदाज कायम रहा।

वैसे भी यह उसकी होम डिस्ट्रिक्ट जेल थी तो ऐसों आराम की हर सुविधा उसे आसानी से उपलब्ध हो जाती थी। जेल सूत्रों के अनुसार तन्हाई बैरक में सुनील राठी को काफी सुविधाएं मौजूद थीं। बताया जाता है कि सुनील राठी अंग्रेजी शराब और हरियाणा के मुरथल स्थित खास होटलों के खाने का बड़ा शौकीन था। हर रोज शाम के समय तन्हाई बैरक में शराब की महफिल सजती थी और सप्ताह में चार-पांच दिन खाना मुरथल के होटलों से उसके गुर्गे लेकर आया करते थे। पिस्टल की गटर में खोजबीन के दौरान वहां से मिला शराब की खाली बोतलों का जखीरा भी इस बात की पुष्टि करता है कि जेल में ऐशो-आराम के तमाम साधन मौजूद रहे हैं।

राठी के खनन माफिया और ठेकेदारों से भी थे नजदीकी संबंध

खेकड़ा। मुन्ना बजरंगी को मौत के घाट उतारने वाले वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश सुनील राठी के खनन माफिया और ठेकेदारों से भी संबंध थे। वे उससे मुलाकात करने जेल भी आते थे।

बागपत जिले में एक स्थान पर तो उसका लाखों रुपये के रेत का स्टॉक भी लगा हुआ है।कुख्यात बदमाश सुनील राठी के गुर्गे वेस्ट यूपी से लेकर उत्तरांचल तक फैले हुए है। ये गुर्गे सुनील राठी के जेल में रहते हुए भी उसके नाम का भी खूब लाभ उठा रहे हैं। जरायम की दुनिया के साथ ही वे रेत खनन के पट्टों और ठेकेदारी में हिस्सेदारी रखते हैं। उस हिस्सेदारी का बड़ा भाग सुनील राठी के खाते में जाता है।

सूत्र बताते है कि बागपत में तो इन गुर्गो ने एक स्थान पर लाखों रुपये के रेत का स्टॉक भी लगा रखा है। अब उसकी बिक्री की जा रही है। बताया जा रहा है कि खनन माफिया और ठेकेदार भी सुनील राठी से दहशत खाते हैं। जब तक राठी बागपत की जेल में बंद रहा, तब तक वे आए दिन उससे मिलने के लिए जेल पर पहुंच रहे थे। सूत्र बताते है कि इनकी मुलाकात राठी से खूली मुलाकात के जरिए होती थी।

इनमें कई ठेकेदार पूर्वांचल के भी बताए जा रहे है। जेल में वार्ता के दोरान ही इनके बीच लेनदेन की बात भी हुआ करती थी। इस सम्बंध में जब जेलर सुरेश कुमार सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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