ठंड में कम होती जा रही सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति
जैसे-जैसे ठंड बढने लगी है, ठीक उसी तरह सरकारी स्कूलों में बच्चों की भी उपस्थिति कमी होती जा रही...
जैसे-जैसे ठंड बढने लगी है, ठीक उसी तरह सरकारी स्कूलों में बच्चों की भी उपस्थिति कमी होती जा रही है। उधर शिक्षक भी छुट्टी मारने में पीछे नहीं है। इसको लेकर विद्यालयों में नियमित अध्यापन करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं में आक्रोश भी पनपने लगा है।
गुरुवार को हिन्दुस्तान टीम ने प्राथमिक विद्यालय बागपत नं. में जाकर बच्चों की उपस्थिति का जायजा लिया। पता चला कि स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या 661 है जबकि मौके पर इनकी उपस्थिति 50 फीसदी से भी कम पाई गई। कक्षा प्रथम में 159 बच्चों का पंजीकरण मिला और उपस्थिति सिर्फ 51 की।
यही स्थिति कक्षा द्वितीय में 176 में से 64, तृतीय में 137 में से 57, चतुर्थ में 102 में से 51 और पंचम में 87 में से 41 सहित 264 बच्चे ही स्कूल में पढ़ते हुए मिले। इस विषय पर चर्चा करते हुए स्कूल की प्रधानाचार्या नवमिशा ने बताया कि दो-तीन दिन से ठंड में इजाफा और बारिश होने की वजह से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम दिखाई दे रही है लेकिन यहां बच्चों की उपस्थिति सही अनुपात में ही रहता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में 14 शिक्षकों की तैनाती है लेकिन इनमें से करीब छह से सात शिक्षक अवकाश पर थे। ऐसे में शिक्षण कार्य भी प्रभावित होने की बात सामने आई। हालांकि एक-दो क्लास के बच्चों को एक साथ पढ़ाने की भी व्यवस्था देखने को मिली। लेकिन नियमित अध्यापन कार्य में लगे शिक्षक-शिक्षिकाओं में इस बात को आक्रोश पनपते हुए देखने को मिला कि कुछ शिक्षक जानबूझकर अवकाश ले लेते हैं।
उधर यही स्थिति जूनियर माध्यमिक विद्यालय बीआरसी कैम्पस में देखने को मिला, यहां पर कक्षा छह से आठ तक बच्चों का पंजीकरण 157 था लेकिन स्कूल में उपस्थिति मात्र 57 बच्चों की मिली। इस संबंध में बीएसए राजीव रंजन मिश्र का कहना है कि जहां पर बच्चों की कम उपस्थिति मिल रही है, उन स्कूलों के प्रधानाध्यापक व शिक्षकों को भी बच्चों की नियमित स्कूल पहुंचने के लिए प्रेरित करने की बात कही। जिससे की इनकी उपस्थिति के साथ-साथ उनमें शैक्षिक विकास हो सके।