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अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लटका रहा ताला, मरीजों को लौटना पड़ा वापस

एक ओर जहां समूचा जिला बुखार से तप रहा है, वहीं जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं ढर्रे पर नहीं आ रही है। बुधवार को जिला अस्पताल की ओपीडी से कई...

अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लटका रहा ताला, मरीजों को लौटना पड़ा वापस
हिन्दुस्तान टीम,बागपतWed, 01 Dec 2021 03:50 PM
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एक ओर जहां समूचा जिला बुखार से तप रहा है, वहीं जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं ढर्रे पर नहीं आ रही है। बुधवार को जिला अस्पताल की ओपीडी से कई चिकित्सक घंटों तक नदारद रहे। अल्ट्रा साउंड सेंटर पर ताला लटका रहा, जिससे मरीज बेहाल दिखाई दिए। वे बैंचों पर बैठकर चिकित्सकों का इंतजार करते रहे। इतनी ही नहीं आपातकालीन कक्ष के दरवाजों पर भी पूरे दिन कूंड़ी लगी रही।

जिले की 13 लाख से अधिक आबादी को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ढर्रे पर नहीं आ पा रही है। प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीज जिला अस्पताल में उपचार कराने के लिए पहुंच रहे है। इनमें कुछ मरीज गंभीर रोगों से ग्रसित होते है, तो कुछ बुखार, दर्द, नजला, जुखाम आदि बीमारियों से ग्रसित होते है। इन मरीजों को उपचार देने के लिए जिला अस्पताल में 22 से अधिक चिकित्सक तैनात है, लेकिन उनकी लेट लतिफि और आए दिन अवकाश पर रहने से मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। वर्तमान में समूचा जिला बुखार से तप रहा है। अस्पताल में मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। इसके बावजूद डॉक्टर ओपीडी से गायब हो रहे है। बुधवार को जिला अस्पताल में फिजीशियन समेत कई चिकित्सक ओपीडी कक्ष से नदारद रहे। जिससे मरीज बेहाल रहे। लापरवाह सिस्टम के आगे उन्हें लाचार होकर बगैर उपचार ही वापस लौटना पड़ा। वहीं, मरीजों को न तो समय पर ब्लड जांच रिपोर्ट मिल रही है और न ही डेंगू की रिपोर्ट। जिससे वे परेशान बने हुए है। इतना ही नहीं अल्ट्रा साउंड करने वाले चिकित्सक भी बुधवार को अवकाश पर रहे। जिससे मरीजों के अल्ट्रासाउंड नहीं हो सके। आपातकालीन कक्ष के दरवाजे पर भी पूरे दिन कूंड़ी लगी रही। सीएमएस डा. एके सैनी का कहना है कि अस्पताल की व्वस्थाओं को सुधारा जा रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों को बेहतर उपचार मिलेगा।

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नहीं मिला स्ट्रेचर-

अव्यवस्थित बने जिला अस्पताल में मरीज उपचार के लिए तो पहुंच रहे है, लेकिन उन्हें अव्यवस्थाओं का शिकार होना पड़ रहा है। बुधवार को खेड़ा इस्लामपुर गांव की वृद्ध महिला सोहनबीरी को स्ट्रेचर तक नहीं मिला। जिसके बाद परिजन उन्हें स्वयं स्ट्रेचर पर लेटाकर डॉक्टर के पास ले गए। इतना ही नहीं सोहनवीरी को ड्रीप लगी हुई थी। परिवार की एक महिला स्ट्रेचर के साथ ड्रीप की बोतल पकड़कर चल रही है। ऐसे में स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में मरीजों को किस तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है।

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नहीं मिला डेंगू ग्रसित मरीज-

सर्दी बढ़ने के साथ ही डेंगू बुखार का प्रकोप अब कम होने लगा है। बुधवार को जिलेभर में एक भी डेंगू ग्रसित मरीज नहीं मिला। जिससे स्वास्थ्य विभाग के साथ आमजन ने भी राहत की सांस ली। डेंगू की नोडल अधिकारी डा. सुरूचि ने बताया कि बुधवार को डेंगू से ग्रसित एक भी मरीज नहीं मिला है।

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