गंगा सत्याग्रह के समर्थन में जलपुरूष सहित कईयों ने रखा सामूहिक उपवास
भारत में नहीं, पूरे विश्व में गंगा को चाहने वाले लोग हैं। राजस्थान में जलपुरूष राजेन्द्र सिंह ने तो बागपत के डौला गांव में कृष्ण्पाल सिंह सहित देश के अलग-अलग क्षेत्रों ने भी लोगों गंगा को बचाने के...
भारत में नहीं, पूरे विश्व में गंगा को चाहने वाले लोग हैं। राजस्थान में जलपुरूष राजेन्द्र सिंह ने तो बागपत के डौला गांव में कृष्ण्पाल सिंह सहित देश के अलग-अलग क्षेत्रों ने भी लोगों गंगा को बचाने के लिए उपवास रखा। राजस्थान के अलवर में भीखमपुड़ा गांव स्थित तरूण भारत संघ आश्रम में सोमवार को जलपुरूष राजेन्द्र सिंह अपने साथियों के साथ गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने की मांग को लेकर सामूहिक उपवास पर रहे।
इन्हीं के साथ बागपत के डौला गांव में भी ग्रामीण एवं पर्यावरण विकास संस्थान के सचिव एवं पर्यावरण के सजग प्रहरी कृष्णपाल सिंह ने भी सामूहिक उपवास रखकर सरकार से गंगा अविरल बनाने की मांग रखी। डौला गांव में सामूहिक उपवास में तेजपाल सिंह, अशोक, रवि प्रताप सिंह, आशु, किशोर आदि शामिल रहे। उधर जलपुरूष राजेन्द्र सिंह ने हिन्दुस्तान संवाददाता से मोबाइल पर बातचीत करते हुए कहा कि हजारों करोड़ रुपये खर्च किये लेकिन हमारी मां गंगा बीमार रही। लेकिन अब मां गंगा के लिए खर्च करने की जरुरत नहीं है।
यह कोविड-19 ने साबित कर दिया कि यदि आप मां गंगा में गंदगी नहीं डालेंगे तो मां फिर से आजाद होकर अविरल - निर्मल व पवित्र होकर बहने लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आज मां गंगा की आजादी और निर्मलता-अविरलता की जरूरत है।
जलपुरूष बोले, गंगा पर खर्च नहीं, कानून बनाने की जरूरत
राजेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार के खर्च नहीं , कानून बनाने की आवश्यकता है। मां गंगा की तीन बीमारी है- पहली है मां गंगा की जमीन पर अतिक्रमण, दूसरी बीमारी है मां गंगा का प्रवाह जो खनन और बांधो से रोक दिया गया है, तीसरी उद्योगों द्वारा प्रदूषण । यदि अब हम जैसे बेटे मां का इलाज नहीं करवाएंगे तो आने वाली पीढी हमें माफ नहीं करेगी।