हिन्दुस्तान मिशन शक्ति: कोरोनाकाल में निराश्रित महिलाओं की हिम्मत बनी बागपत की बबीता नैन
कोरोनाकाल शुरू होने के बाद काम-धंधे चौपट होने पर निराश्रित हुई महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने और उन्हें कामयाबी की राह दिखाने का जिम्मा सरूरपुरकलां...
कोरोनाकाल शुरू होने के बाद काम-धंधे चौपट होने पर निराश्रित हुई महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने और उन्हें कामयाबी की राह दिखाने का जिम्मा सरूरपुरकलां गांव की बबीता नैन ने उठाया। उन्होंने महिलाओं को नए-नए काम से जोड़ने के अलावा उन्हें आर्थिक रूप से मदद भी दी।
बबीता नैन आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं, जो समाजसेवा में विशेष लगाव रखती हैं। बबीता नैन ने बताया कि ईंट भट्ठों पर काम करने वाली महिलाएं कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू होने पर बेरोजगार हो गई थीं, जिनके सामने खाना-पानी की भी समस्या होने लगी थी। ऐसी निराश्रित महिलाओं को कामयाबी की राह दिखाने के लिए बबीता ने कदम उठाया। जिन्होंने स्वयं सहायता समूहों का गठन कराने के अलावा अन्य तरीके से आर्थिक सहायता देकर महिलाओं को परचून, कॉस्मेटिक की दुकान कराई और सिलाई, धूपबत्ती, चुन्नी समेत अन्य सामान तैयार करना सिखाया। इसके बाद गांव की काफी महिलाएं अब खुद का काम कर परिवार का गुजर-बसर कर रही हैं।
नाम-बबीता नैन पत्नी सुभाष नैन निवासी सरूरपुकलां गांव बागपत।
पेशा-आंगनबाड़ी कार्यकत्री और समाजसेवा।