Government s Efforts Fall Short as Literacy Rate in Baghpat Stagnates विश्व साक्षरता दिवस: 10 साल में मात्र 7.8 फीसदी ही बढ़े साक्षर, Bagpat Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsBagpat NewsGovernment s Efforts Fall Short as Literacy Rate in Baghpat Stagnates

विश्व साक्षरता दिवस: 10 साल में मात्र 7.8 फीसदी ही बढ़े साक्षर

Bagpat News - सरकार निरक्षरता मिटाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन बागपत में साक्षरता की दर केवल 73% पर अटकी हुई है। 3.60 लाख लोग निरक्षर हैं, जिसमें पंचायतों के 500 से अधिक जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतMon, 8 Sep 2025 12:46 AM
share Share
Follow Us on
विश्व साक्षरता दिवस: 10 साल में मात्र 7.8 फीसदी ही बढ़े साक्षर

सरकार भले निरक्षरता मिटाने को पानी की मानद पैसा बहाने में कसर नहीं छोड़ रही हो, लेकिन बागपत में तालीम की रोशनी धुंधली है। साक्षरता की चाल इतनी धीमी है कि दस साल में 7.8 फीसद बढ़त से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। यही कारण है कि डिजिटल दौर में भी 3.60 लाख से ज्यादा आबादी निरक्षरता का कलंक ढोने को मजबूर है। पहले प्रौढ़ शिक्षा फिर अनौपचारिक शिक्षा और अब साक्षर भारत मिशन पर हर साल करोड़ों का बजट खर्च हो रहा है, लेकिन नतीजा सिफर है। साल 2001 में बागपत की साक्षरता दर 66 फीसद थी। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, बागपत की साक्षरता दर 72.01 फीसदी थी।

इसमें पुरुषों की साक्षरता दर 82.45 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 59.95 फीसदी थी। वहीं अब 73 फीसदी को पार कर चुकी है। साल 2001 में जहां पुरुष साक्षरता दर 76.99 फीसदी तथा महिला साक्षरता दर 49.17 फीसदी थी। वहीं अब पुरुष साक्षरता दर 82.45 फीसदी और महिला साक्षरता दर 59.95 फीसदी है। बात साफ है कि 3.60 लाख लोगों की आबादी अंगूठा छाप है। डिजिटल दौर में बंपर आबादी का निरक्षर होना कम चिंताजनक नहीं है। आम आदमी ही नहीं, बल्कि पंचायतों में भी 500 से ज्यादा जनप्रतिनिधि अंगूठाछाप हैं। बता दें कि साल 2012 से साक्षर भारत मिशन चालू है, लेकिन निरक्षरता की मार जारी है। शिक्षाविद् डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि तालीम ही विकास की राह दिखाती है। लिहाजा लोगों को सरकार के भरोसे नहीं, अब खुद के दम पर निरक्षरता मिटाने की पहल करनी चाहिए ताकि व्यक्त, समाज और राष्ट्र का विकास परवान चढ़े। ------ इन गांवों में हैं कम निरक्षर बड़ौत। जहां निरक्षरता की मार से लाखों लोग आहत हैं वहीं बागपत में ब्राह्माण पुट्ठी तथा फैजुल्लापुर और सांसद गांव पलड़ी ऐसे हैं, जहां ज्यादा निरक्षर नहीं हैं। ब्राह्माण पुट्ठी, फैजुल्लापुर में बीस-बीस से कम निरक्षर हैं। हालांकि पलड़ी में करीब 200 निरक्षर हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।