पिता को महंगा पड़ा नवजात का सौदा, चार गिरफ्तार
नवजात को गोद देने के नाम पर हजारों रुपये का सौदा करने और षड्यंत्र के तहत दूसरे को फंसाने के मामले में बच्ची पिता समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया...
नवजात को गोद देने के नाम पर हजारों रुपये का सौदा करने और षड्यंत्र के तहत दूसरे को फंसाने के मामले में बच्ची पिता समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। पुलिस ने नवजात को नोएडा से बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया है। साथ ही चारों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
मूलरूप से मुजफ्फरनगर के तितावी गांव निवासी नीटू अपने परिवार के साथ बागपत के गौरीपुर ज्वाहरनगर गांव में किराए के मकान में रहता है। उसकी पत्नी सुनीता ने गत 26 अक्तूबर को सोनीपत के एक अस्पताल में दो जुड़वा बेटियों को जन्म दिया था। बताया जाता है कि नीटू ने एक बच्चा नोएडा में रह रहे परिवार को गोद देने का वायदा किया था। इसकी एवज में हजारों रुपये लेने का सौदा भी किया था। इतना ही नहीं नोएडा निवासी अनीता पत्नी मनोज ने सुनीता की डिलीवरी तक का भी खर्च उठाया था।
13 नवंबर को अनीता अपने पति मनोज के साथ बागपत गौरीपुर गांव पहुंची और बच्ची के पिता को पांच हजार रुपये, कलर टीवी तथा शगुन के तौर कर कुछ उपहार देकर नवजात को लेकर चले गए। आरोप है कि बाद में एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने नीटू को उकसाया और बच्ची की एवज में नोएडा निवासी दंपति से 50 हजार रुपये की मांग करने को कहा। नीटू ने लालच में आकर मनोज से 50 हजार रुपये की मांग की। आरोप है कि डिमांड पूरी नहीं करने पर नीटू ने नवजात के अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। इस पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार जांच पड़ताल शुरू कर दी। शुक्रवार को उन्होंने प्रकरण से जुड़े सभी लोगों को हिरासत में ले लिया।
एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया गया कि नवजात का अपहरण नहीं बल्कि गोद लेने का सौदा हुआ था। बताया कि पूछताछ में नोएडा के सदरपुर गांव निवासी अनीता पत्नी मनोज गुप्ता ने बताया कि उसका कोई बच्चा नहीं है। उन्होने बच्ची को गोद लिया था, जिसके बदले में शगुन के तौर पर नगदी व अन्य सामान उपहार दिए थे। इतना ही नहीं इलाज व डिलवरी का करीब 13 हजार रुपये का खर्चा भी उठाया था। दोनों पक्षों में पहले से ही बच्चा देने की तय थी।
मामले को गंभीरता से लेते हुए एएसपी ने नवजात बच्चे के पिता नीटू, बच्चा गोद लेने वाली महिला अनीता गुप्ता, मीडियेटर नरेन्द्र चौहान व उसकी पत्नी राजबाला के खिलाफ किशोर न्याय (बालक की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2000) के अन्तर्गत आईपीसी 23/24 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं नवजात को उसकी मां को सौंप दिया है।