तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा किसानों का धरना 14वें दिन भी जारी रहा। किसानों शुक्रवार को कृषि कानूनों की अस्थियों का विसर्जन पूर्वी यमुना नहर में किया। दो दिन पूर्व किसानों के कृषि कानूनों की अर्थी निकाल कर उनका दहन किया था।
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना बडौत में राष्ट्रीय राजमार्ग 709बी पर पिछले 13 दिनों से चल रहा था। शुक्रवार को धरने के 14वें दिन किसानों ने कृषि कानूनों को अस्थि कलश यात्रा निकाली और बाद में किसानों ने अस्थियों का विसर्जन पूर्वी यमुना नहर में किया। किसानों का कहना था कि दो दिन पूर्व तीनों कृषि कानूनों की शवयात्रा निकाल उनका दाह संस्कार भी किया गया था। शुक्रवार को पहले काले कानूनों के फूल एकत्रित किये गए और बाद में उनका विसर्जन पूर्वी यमुना नहर में किया गया। देशखाप चौधरी सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि 6 जनवरी को महापंचायत की तैयारियों को लेकर गांव-गांव किसानों से सम्पर्क किया जा रहा है। दिल्ली में बैठे किसानों द्वारा जो निर्णय लिया जाएगा, उसके अनुसार आंदोलन को आगे बढाया जाएगा। इसके बाद धरनास्थल पर किसानों को सभा हुई जिसमें 26 जनवरी को लाल किले पर तिरंगा फहराने के निर्णय को कायम रखने का निर्णय लिया गया। इस दौरान विधायक वीरपाल राठी, यशपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, गौरव तोमर, संजीव तोमर, विक्रम आर्य, शरद तोमर धर्मपाल चेयरमैन, चौधरी बृजपाल सिंह, बलजोर आर्य और जयवीर एडवोकेट पूर्व जिला अध्यक्ष बार एसोसिएशन बागपत, आदि मौजूद रहे।