फर्जी किसान पहचान पत्र जारी होने से मचा हडकंप
संक्षेप: Bagpat News - फर्जी किसान पहचान पत्रों के मामले सामने आने के बाद कृषि निदेशक ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एपीस्टेक योजना के अंतर्गत किसानों के गाटों/प्रक्षेत्रों का ई-खसरा और किसान रजिस्ट्री का कार्य किया जा रहा...

फर्जी किसान पहचान पत्र बनाये जाने के मामले सामने आने के बाद से हडकंप मचा हुआ है। प्रदेश के कृषि निदेशक डा. पंकज त्रिपाठी ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार एपीस्टेक योजना के अंर्तगत प्रदेशभर में किसानों के गाटों/प्रक्षेत्रों का ई-खसरा पड़ताल एवं किसान रजिस्ट्री (फार्मर आईडी ) बनाये जाने का कार्य कृषि विभाग/राजस्व विभाग एवं कॉमन सर्विस सेंटरों की सक्रिय भागीदारी से किया जा रहा है। बताया कि संज्ञान में आया है कि सीएससी/ जनसुविधा केन्द्र और सम्बद्ध एजेंसियां भौतिक/ऑफ लाइन मोड में किसान पहचान पत्र जारी कर रही है। यह न केवल नियम विरुद्ध है, बल्कि अवैधानिक है।
बताया कि कि एग्रीस्टैक योजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार के भौतिक/ऑफलाइन मोड में किसान पहचान पत्र को जारी नहीं किया जाता है। यह असामाजिक तत्वों द्वारा किसानों को भृमित करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने समस्त सीएससी/जनसुविधा केन्द्र एवं सहयोगी एजेन्सियों को ऑफलाइन मोड में किसी भी प्रकार के किसान पहचान पत्र (फार्मर आईडी) या उनकी फोटो कॉपी न छापे, न ही प्रसारित करे और न ही उनका वितरण करें। जिला कृषि अधिकारी बाल गोविंद यादव ने बताया कि इस संबंध में निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। किसानों को भी जागरूक किया जा रहा है।

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