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जिला अस्पताल गैंगरेप प्रकरण : सीएमएस ने चिकित्सक व फार्मेसिस्ट के निलंबन की संस्तुति भेजी

जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुखार से पीड़ित नर्सिंग की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट पर गाज गिर ही...

जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुखार से पीड़ित नर्सिंग की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट पर गाज गिर ही...
1/ 3जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुखार से पीड़ित नर्सिंग की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट पर गाज गिर ही...
जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुखार से पीड़ित नर्सिंग की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट पर गाज गिर ही...
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जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुखार से पीड़ित नर्सिंग की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट पर गाज गिर ही...
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हिन्दुस्तान टीम,बागपतWed, 17 Oct 2018 07:43 PM
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जिला अस्पताल में इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुखार से पीड़ित नर्सिंग की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आखिरकार इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक, फार्मेसिस्ट पर गाज गिर ही गई। सीएमएस ने अपनी जांच में इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा. भूपेन्द्र कुमार व फार्मेसिस्ट मोहित त्यागी द्वारा ड्यूटी में लापरवाही की रिपोर्ट शासन को भेज दी है, साथ ही दोनों की निलंबन की संस्तुति की है। तत्काल प्रभाव से दोनों की इमरजेंसी ड्यूटी पर भी रोक लगा दी है।

जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती नर्सिंग की छात्रा के साथ सोमवार की देर रात अस्पताल में वार्ड ब्वॉय जितेन्द्र उर्फ भूरा और एक फार्मेसी कालेज के छात्र दिलशाद ने योजनाबद्ध तरीके से सामूहिक दुष्कर्म किया था। मंगलवार सुबह पुलिस दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने वाले जिला अस्पताल के सीएमएस डा. बीएल कुशवाहा एक जरूरी मीटिंग के लिए लखनऊ रवाना हो गये थे। बुधवार को वापस बागपत पहुंचने पर उन्होंने अपने स्तर पर भी इसकी जांच की। जांच के दौरान इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डा. भूपेन्द्र कुमार और फार्मेसिस्ट मोहित त्यागी की लापरवाही उजागर हुई। सीएमएस डा. कुशवाहा ने जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव स्वास्थ्य और डीजी हेल्थ डा. पदमाकर को भेज दी है, जिसमें दोनों के ही निलंबन की संस्तुति की गई है।

साथ ही सीएमएस ने जांच पूरी न होने तक दोनों की इमरजेंसी ड्यूटी पर भी रोक लगा दी है। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग के अन्य चिकित्सकों और कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है।

जांच टीम ने दर्ज किए पीड़िता के बयान

सीएमओ द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम के सदस्यों ने एसीएमओ डा. जितेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में जिला अस्पताल पहुंचकर गैंगरेप प्रकरण की जांच की। जांच के दौरान टीम के सदस्यों ने दुष्कर्म पीडि़ता, उसकी बड़ी बहन, इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात चिकित्सक और फार्मेसिस्ट के बयान दर्ज किए। उधर, देर शाम सीएमओ ने जांच रिपोर्ट सीएम को भेज दी है। रिपोर्ट में चिकित्सक व फार्मेसिस्ट की लापरवाही मानते हुए उनके खिलाफ अपराध की श्रेणी में कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

जिला अस्पताल में निर्सिंग की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म प्ररकण की जांच के लिए बुधवार दोपहर 12 बजे जांच टीम जिला अस्पताल पहुंची। जांच टीम में शामिल एसीएमओ डा. जितेन्द्र वर्मा, डा. भुजबीर सिंह और डा. शिल्पा सिरोही ने सीएमएस डा. बीएल कुशवाहा के कक्ष में बैठ कर सर्वप्रथम दुष्कर्म पीड़िता और उसकी बड़ी बहन के बयान दर्ज किए। इस दौरान पीड़िता की मां भी मौजूद रही।

बाद में चिकित्सक डा. भूपेन्द्र कुमार और फार्मेसिस्ट को भी अलग-अलग बुलाकर बयान दर्ज किए गए। बताया जाता है कि जांच टीम ने दो दिन के बजाए एक ही दिन में प्रत्येक बिंदु पर जांच कर बयान दर्ज कराए और सीएमओ डा. सुषमा चन्द्रा को रिपोर्ट सौंप दी। जांच अधिकारी ने ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक और फार्मेसिस्ट को ड्यूटी में लापरवाही बरतने का आरोपी माना है।

सीएमओ डा. सुषमा चन्द्रा ने बताया कि सीएम के संज्ञान में भी सामूहिक दुष्कर्म का मामला लाया गया है। इसीलिए जांच रिपोर्ट देर शाम शासन को भेज दी गई है। उन्होंने भी लापरवाही बरते जाने का मामला पाया है। सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट में अपराध की श्रेणी में कार्रवाई करने की संस्तुति की है।

जांच से पहले अवकाश पर चली गई महिला चिकित्सक

बागपत। सीएमओ द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम में शामिल डा. अंजूबाला बुधवार को इस मामले की जांच करने से पहले अवकाश में चली गई। यह मामला भी चर्चाओं में रहा। बाद में डा. अंजूबाला की जगह जांच टीम में डा. शिल्पा सिरोही को शामिल किया गया।

इस संबंध में सीएमओ डा. सुषमा चन्द्रा का कहना है कि डा. अंजूबाला ने सीएमएस से पहले ही अवकाश स्वीकृत करा रखा था जो उनके संज्ञान में नहीं था। उन्हें सीनियर चिकित्सक होने की वजह से जांच टीम में शामिल किया गया था। उधर, इस बाबत कई बार डा. अंजूबाला से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन अन्यंत्र होने की वजह से संपर्क नहीं हो सका।

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