विधान में श्रद्धालुओं ने समर्पित किये 256 अघ्र्य
विधान में श्रद्धालुओं ने समर्पित किये 256 अघ्र्य

बड़ौत, संवाददाता।
1008 पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में चल रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के छठे दिन श्रद्धालुओं ने 256 अघ्र्य समर्पित किए।
सोमवार को विधान के छठे दिन की पूजा अर्चना का शुभारंभ सोधर्म इन्द्र बने संजय जैन ने प्रभु की प्रथम प्रक्षाल के साथ किया। इसके बाद डॉ पवन जैन ने शांतिधारा की।
डॉ पवन जैन ने प्रभु की प्रक्षाल एवं शांतिधारा की। उसके बाद सभी इन्द्रों ने श्रीजी की प्रक्षाल कर मार्जन एवं भगवान की आरती उतारी।
विधानाचार्या श्री नरेश पंडित के दिशा-निर्देशन में श्रद्धालुओं ने 256 अघ्र्य समर्पित किए। विधान में कुबेर इंद्र बनने का सौभाग्य सतेंद्र जैन, यज्ञनायक जयपाल, ईशान इंद्र अमन जैन, महेंद्र इंद्र विनय जैन और सनत इंद्र बनने का सौभाग्य अतिशय जैन को प्राप्त हुआ। भक्तिभाव होकर श्रद्धालुओं ने सुंदर नृत्य करके सबको मन्त्र मुग्ध कर दिया।
संध्या के समय पाश्र्वनाथ भगवान और श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान की गई। इस अवसर पर सतेंद्र जैन,अनिल जैन, राजीव जैन, आदिश जैन, संजीव जैन, नेमचंद जैन, रवि जैन का सहयोग रहा।
