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दादी चन्द्रो सांड की आंख फिल्म बनने के बाद आई थी सुर्खियों में

नेशनल स्तर की निशानबाज वयोवृद्ध दादी चंद्रो तोमर का शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण चलते निधन हो गया। उन पर बनी फिल्म सांड की आंख के बाद...

 दादी चन्द्रो सांड की आंख फिल्म बनने के बाद आई थी सुर्खियों में
हिन्दुस्तान टीम,बागपतFri, 30 Apr 2021 10:11 PM
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नेशनल स्तर की निशानबाज वयोवृद्ध दादी चंद्रो तोमर का शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण चलते निधन हो गया। उन पर बनी फिल्म सांड की आंख के बाद सुर्खियों में आई दादी चंद्रो तोमर की मौत से उनके गांव जौहड़ी में शोक की लहर दौड़ गई।

बता दें कि गत 26 अप्रैल को दादी चंद्रो तोमर को सांस लेने में दिक्कत हुई तो उनकी जांच कराई गई,जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव आई, जिसके बाद उन्हें मेरठ के आनंद अस्पताल में भर्ती कराया था। गुरुवार की रात वहां पर उनकी हालत खराब होने पर वहां से मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया। वहां पर शुक्रवार को उनका निधन हो गया। परिजनों के अनुसार उनकी मौत ब्रेन हेमरेज से हुई। निशानेबाज चंद्रो तोमर के निधन से आसपास के क्षेत्रों में उनके प्रशंसकों के बीच मायूसी छा गई थी। शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर चार दिन पहले से कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से चहेतों को अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। उनके ट्विटर हैंडल से लिखा गया था कि दादी चंद्रो तोमर कोरोना पॉजि़टिव हैं और सांस लेने की परेशानी के चलते हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उन्होंने अपनी बहन और जेठानी प्रकाशी तोमर के साथ कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। प्रकाशी भी दुनिया की उम्रदराज महिला निशानेबाजों में शामिल हैं। बॉलीवुड फिल्म सांड की आंख दादी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर की रियल लाइफ स्टोरी पर ही बनी है। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए दादी चंद्रो व प्रकाशी तोमर सोनी टीवी के प्रसिद्ध शो दा कपिल शर्मा शो में तापसी पन्नू व भूमि पडनेकर के साथ आई थी। इससे पहले भी अभिनेता आमिर खान ने दोनों शूटर दादी की कहानी से प्रभावित होकर उन्हें अपने शो सत्यमेव जयते में भी बुलाया था।

परिवार वालों ने दिया था शूटिंग के लिए साथ

बागपत में घर के पुरुषों ने उनकी दोनों निशानेबाजी पर आपत्ति जतायी, लेकिन उनके बेटों, बहुओं और पोते- पोतियों ने उनका पूरा साथ दिया। इसके बाद वह घर से निकलकर पास के रेंज में अभ्यास करने के लिए जा सकीं। शूटर दादी ने वरिष्ठ नागरिक वर्ग में कई पुरस्कार भी हासिल किये, जिनमें स्त्री शक्ति सम्मान भी शामिल है जिसे स्वयं राष्ट्रपति ने भेंट किया था।

1932 में शामली में हुआ था चंद्रो तोमर का जन्म

बड़ौत। प्रकाशी तोमर एंव चन्द्रो तोमर दोनों ही देवरानी-जेठानी है। वहीँ चन्द्रो का जन्म यूपी के शामली गाँव में 1 जनवरी 1932 को हुआ और उनका विवाह जौहड़ी के जय सिंह के भाई भोर सिंह के साथ हुआ। दोनों ने अपनी जिंदगी के आधे से ज्यादा वर्ष पुरे कर लिए थे, लेकिन उनका शूटिंग में बिलकुल भी इंटरेस्ट नहीं था। यानि उनकी जिंदगी सिर्फ चूल्हे चौके तक सिमित थी। पर यह दोनों महिलाएं तो कुछ और ही करने दुनिया में आई थी, जिसका पता उस वक्त चला जब प्रकाशी जोहरी के शूटिंग क्लब में गई और वहां अपना कारनामा दिखाया।

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ऐसे तय किया शूटिंग से फिल्म तक का सफर

बड़ौत/बागपत।

जौहड़ी गांव की बहू और शामली गांव की बेटी चंद्रो तोमर की देवरानी प्रकाशी तोमर ने अपनी बेटी को सिखाने के लिए सबसे पहले पिस्टल हाथ में लिया था। उनकी बेटी सीमा शूटिंग सीखना चाहती थी इसलिए वह जौहड़ी शूटिंग क्लब में अपनी बेटी को लेकर गई और अपनी बेटी का मनोबल बढाने के लिए जैसे ही पिस्टल हाथ में लेकर निशाना लगाया और किस्मत से वह निशाना लग गया। ऐसे में वहां मौजूद सभी लोगों ने उन्हें हैरत से देखा। उन्हें जाता देख उनकी जेठानी चंद्रो तोमर भी रेंज पर जाने लगी। उन्होंने निशाना लगाया तो वहां मौजूद कोच फारुख पठान ने दादी का यह कारनामा देखकर उन्हें जौहड़ी रायफल क्लब ज्वाइन करने के लिए कहा तो दादी ने क्लब ज्वाइन कर लिया।

वह दोनों ही निशानेबाजी सीखने लगी। साथ में उनकी बेटी सीमा भी उन्हें सिखाने लगी. पर कहते है ना की झूठ ज्यादा दिन नहीं चलता और जैसे ही लोगों को पता चला तो लोगों ने मजाक बनाना शुरू कर दिया। किसी ने तो कहा की ‘फ़ौज में जायेगी तो किसी ने कहा की ‘अब यह कारगिल युद्ध जीतकर आएगी पर उनके घर वालों ने उनका साथ दिया। और वह दोनों देवरानी जेठानी दोनों ही जौहड़ी राइफल क्लब में जाने लगी। वह हफ्ते में एक दिन जाती और बाकी दिन घर का काम करती थी। निशानेबाजी उनकी पहली पंसद बन चुकी थी। यही वजह है की दिल्ली में डीआईजी के साथ निशानेबाजी करते हुए उन्होंने डीआईजी को ही हरा दिया था और वहां से गोल्ड मेडल भी हासिल किया। यहीं से हमें एक पहचान मिली और अनेक प्रतियोगिता में भाग लिया और अभी तक उन्होंने 25 से भी ज्यादा मेडल जीत लिए है। धीरे-धीरे लोगों में पहचान मिलने लगी और इन दोनों महिलाओं को दुनिया ‘शूटर दादी या रिवोल्वर दादी के नाम से जानने लगी। दोनों ही देवरानी-जेठानी ने पूरी दुनिया में अपनी अनोखी निशानेबाजी से एक ख़ास पहचान बना ली है। बाद में उनके रियल लाइफ पर सांड की आंख फिल्म भी बना, इसमें भूमि पेडनेकर ने चन्द्रो तोमर और तापसी पन्नू ने प्रकाशी तोमर की भूमिका निभाई है।

60 की उम्र के बाद शुरू की निशानेबाजी, 25 टूर्नामेंट जीते

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चंद्रो तोमर की.....(देवरानी या जिठानी) प्रकाशो भी राष्ट्रीय निशानेबाज हैं।दोनों ने ही साठ साल की उम्र में निशानेबाजी शुरू की थी। इस उम्र में राइफल उठाना भी मुश्किल हो जाता है पर यह दोनों शूटर दादी एक हाथ से बंदूक उठाकर अचूक निशाना लगाती थीं। दरअसल दादी अपनी पौत्री शेफाली तोमर को निशानेबाजी के लिए जौहड़ी राइफल शूटिंग रेंज में लेकर जाती थीं। शेफाली को देखते-देखते एक दिन एयर पिस्टल से निशाना लगाया और यहां से दादी चंद्रो का सफर शुरू हुआ। उन्होंने 25 नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और सारे टूर्नामेंट जीते।

शूटर दादी पर बनी फिल्म भूमिकाएं

फिल्म का नाम: सांड की आंख

चन्द्रो तोमर का किरदार: भूमि पेडनेकर

प्रकाशी तोमर का किरदार : तापसी पन्नू

फिल्म का निर्देशन: तुषार हीरानंदानी

शूटर दादी को मिले अवार्ड:-

गूगल इंडिया वुमेन विल प्रोग्राम सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारासम्मानित किया।

बाल विकास मंत्रालय आइकन लेडी अवार्ड

टीवी शो में नजर आई सत्यमेव जयते, इंडियाज गोट टैलेंट

अन्य 25 मैडल भी मिल चुके हैं।

इंडिया गोट टैलेंट में भी बुलाया गया और उन्हें सम्मानित किया गया है।

पूर्व राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

बड़ौत। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया गया है, राष्ट्रपति जी ने उन्हें अपने साथ दोपहर के भोजन में भी आमंत्रित किया था। शूटर दादी को आइकन लेडी पुरस्कार भी दिया जा चूका है।

शूटर दादी चन्द्रो तोमर:

नाम: चन्द्रो तोमर

जन्म: 1 जनवरी 1932

जन्म स्थान: शामली, यूपी

विख्यात नाम : शूटर दादी

पति का नाम:भोर सिंह तोमर

पोती का नाम: शेफाली तोमर

जीवन पर बनी फिल्म: सांड की आंख

देवरानी: प्रकाशी तोमर

फोटो 30 बाग 53

पदक के साथ दादी चंद्रा तोमर

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फोटो 30 बाग 54

फिल्मी स्टार भूमि पडनेकर के साथ दादी चंद्रो तोमर

फोटो 30 बाग 55

प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी के साथ दादी चंद्रो तोमर

---गौरव--झा--

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