स्मॉग से बढा निमोनिया का खतरा, कई चपेट में
बागपत में धुंध छाने के बाद बच्चे निमोनिया से पीड़ित होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमे पांच साल तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है। चिकित्सकों के अनुसार हल्की ठंड के साथ वातावरण में छाई जहरीली धुंध...
बागपत में धुंध छाने के बाद बच्चे निमोनिया से पीड़ित होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। इनमे पांच साल तक के बच्चों की संख्या ज्यादा है। चिकित्सकों के अनुसार हल्की ठंड के साथ वातावरण में छाई जहरीली धुंध ने निमोनिया के वायरस और बैक्टीरिया को हवा दे दी है।
जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यप्रकाश व फिजीशियन डॉ. राजेश कुमार के अनुसार निमोनिया के लिए बैक्टीरिया और वायरस दोनों ही जिम्मेदार होते हैं। वातारण में फैले स्मॉग के बाद बच्चों में सबसे अधिक निमोनिया का खतरा बढ़ा है। कई बच्चे निमोनिया से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।
इनकी चपेट में आने वाले मरीजों की श्वसन क्रिया बाधित हो जाती है। ऑक्सीजन ग्रहण करने तथा कार्बनडाई ऑक्सीजन बाहर निकालने में रुकावट आती है। जहरीली धुंध के चलते सांस की आवाजाही की समस्या बढ़ी है। कहा कि निमोनिया से बचाने में धूप मददगार होती है।
ठंडी चीजे आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक आदि बच्चों को कतई न दें।बच्चों की सेहत पर पड़ रहा भारीबाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सत्यप्रकाश के अनुसार धुंध के कारण बच्चों में सांस से जुड़ी समस्याओं के अलावा निमोनिया की समस्या बढ़ी है। इस मौसम में खास एहतियात बरतने की जरूरत है। निमोनिया से बचाव को टीकाकरण भी बहुत ही जररी होता है।