Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़बागपतBone and Joint Day Old age diseases in youth bones of youth are giving the answer

बोन एडं ज्वाइंट डे: जवानी में बुढ़ापे वाले रोग, जवाब दे रही युवाओं की हड्डियां

बिगड़ता दिनचर्या, खानपान, कॉर्पोरेट कल्चर और व्यायाम से परहेज। नतीजा, बुढ़ापे वाले रोग अब जवानी में हो रहे हैं। नौजवानों की हड्डियां कमजोर हो रही...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतSun, 4 Aug 2024 06:35 PM
share Share

बिगड़ता दिनचर्या, खानपान, कॉर्पोरेट कल्चर और व्यायाम से परहेज। नतीजा, बुढ़ापे वाले रोग अब जवानी में हो रहे हैं। नौजवानों की हड्डियां कमजोर हो रही हैं। युवा वर्ग बहुत कम उम्र में गठिया रोग के शिकार हो रहे हैं। गर्दन, कमर से लेकर घुटने तक जवाब देने लगे हैं। इस मामले में बड़ा फैक्ट हिंडन और कृष्णा भी डाल रही है। कुछ गांवों में तो इन नदियों के दूषित जल से ग्रामीण हड्डियां कमजोर होने की वजह से दिव्यांगता का दंश झेल रहे हैं।

जिला अस्पताल हो या निजी अस्पतालों में ऑर्थो विभाग में औसतन 250 से 300 मरीज आते हैं। इनमें से 8-10 के आपरेशन किए जाते हैं। ओपीडी में जो मरीज आते हैं उनमें सबसे ज्यादा गठिया के हैं। चिकित्सकों के अनुसार बुजुर्गों में गठिया की शिकायत 10 फीसदी तक बढ़ गई है। इससे कहीं अधिक गंभीर बात यह कि कम उम्र के लोगों को भी गठिया हो रहा है। 25-35 साल तक के लगभग 30 फीसदी मरीज इसी के हैं। लगभग 25 फीसदी मरीज गर्दन के दर्द का शिकार हैं। ज्यादा समय तक मोबाइल, कम्प्यूटर पर आंख गड़ाने वाले गर्दन के अलावा पीठ दर्द की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है।

हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ राजीव जैन का कहना है कि कॉर्पोरेट में काम करने वाले लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। इन्हीं में से 10 प्रतिशत लोग स्पांडलाइटिस की चपेट में भी हैं। यह लोग भी एक स्थान पर ज्यादा देर बैठकर काम करते हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण:

मामचंद, रणवीर सिंह, विनोद कुमार, धर्मेंद्र आदि का कहना हैं कि यहां के पानी में फ्लोराइड मौजूद है। हैंडपंप से हमें पानी मिलता है। हम इसे पीने के लिए इस्तेमाल करते हैं और हमारे बच्चे भी इसे पीते हैं। एक दशक से अधिक समय से घुटने और एड़ी के दर्द से पीड़ित हैं। अब तो कम उम्र के किशोर भी जोड़ों के दर्द की शिकायत करते हैं।

ऐसे तय हो रहा सफर

बागपत। जीवन दायिनी हिंडन नदी सहारनपुर की उपरी शिवालिक पहाडियों में पुर का टंका गांव से निकलकर शामली, मुज़फ्फरनगर, मेरठ, बागपत से गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा से निकलते हुए दिल्ली में कुछ दूरी पर तिलवाड़ा यमुना में मिल जाती हैं। कृष्णा नदी बागपत के टिकरी और असारा गांव के बिच में प्रवेश करती है। हिम्मतपुर सुजती, बुढपुर, इब्राहिमपुर माजरा, कंडेरा, सुजती, नांगल, इदरीशपुर, मांगरोली, रहतना, दादरी से होते हुए बरनावा में हिंडन और कृष्णा नदी एक हो जाती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें