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बागपत में 30 गांवों की 90 हेक्टेयर भूमि में चलेगा भूमि पोषण अभियान

-खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार करने के लिए अंधाधुंध तरीके से किये गए रसायन के प्रयोग का नुकसान अब सामने आने लगा है। जिससे जमीन की उपजाऊ क्षमता भी...

 बागपत में 30 गांवों की 90 हेक्टेयर भूमि में चलेगा भूमि पोषण अभियान
हिन्दुस्तान टीम,बागपतMon, 26 Jul 2021 10:41 PM
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खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार करने के लिए अंधाधुंध तरीके से किये गए रसायन के प्रयोग का नुकसान अब सामने आने लगा है। जिससे जमीन की उपजाऊ क्षमता भी कम हो गई है और पोषक तत्वों के संतुलन की क्षमता भी गड़बड़ा गई है। जिसके चलते शासन के आदेश पूरे प्रदेश में भूमि पोषण अभियान की शुरुआत की जाएगी। जिसमें जिले के 30 गांवों के 90 किसानों की 90 हेक्टेयर भूमि का चयन कर शासन को सूची भेज दी गई है।

बागपत जनपद में सवा लाख हेक्टेयर भूमि है, जहां अधिकांश भूमि पर ईंख की खेती की जाती है। इसके अलावा अब कुछ किसान सब्जियों तो कुछ फूलों की खेती करने लगे है। जहां खेती में फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसानों ने अंधाधुंध तरीके से रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग किया।

खेतों

नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा ने बिगाड़ा खेती की उपजाऊ क्षमता

जिले में मृदा जांच रिपोर्ट में खेतों की भूमि में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा का अनुपात बिगड़ गया है। कहीं पोटाश की मात्रा अधिक पाई जा रही है, तो कहीं नाइट्रोजन कम मिल रहा है। इसके अलावा खेती की उपजाऊ क्षमता कम करने वाले तत्व भी मिल रहे हैं। जिसको लेकर शासन स्तर से चिंता व्यक्त की गई और प्रदेश के सभी जनपदों में भूमि पोषण अभियान चलाकर किसानों को वर्मी कपोस्ट का प्रयोग कर खेती के लिए जागरुक करने के साथ चिन्हित की गई भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

एक ब्लाक में पांच गांवों का चयन

बागपत कृषि विभाग की तरफ से जिले के छह ब्लाकों में पांच-पांच गांवों का चयन किया गया। जिसमें सभी गांवों से तीन-तीन किसानों को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें एक-एक हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों का चयन किया गया है। जिसकी सूची निदेशालय को भेज दी गई है।

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बढ़ेगी उपजाऊ क्षमता, आर्गेनिक खेती को मिलेगा बढ़ावा: प्रशांत कुमार

कृषि उपनिदेशक प्रशांत कुमार का कहना है कि भूमि पोषण अभियान में चिन्हित किसानों की भूमि की मृदा जांच कराई जाएगी और जांच रिपोर्ट के अनुसार भूमि में वर्मी कंपोस्ट के साथ अन्य तत्वों का प्रयोग किया जाएगा। जिससे खेती की भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी और आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

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