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अटल बिहारी वाजपेयी का बड़ौत से रहा है खास नाता

देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बड़ौत क्षेत्र से गहरा नाता रहा है। 1974 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बड़ौत में जनसभा ही नहीं की बल्कि पार्टी के पदाधिकारियों एवं अपने निकट...

अटल बिहारी वाजपेयी का बड़ौत से रहा है खास नाता
हिन्दुस्तान टीम,बागपतFri, 17 Aug 2018 01:09 PM
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देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का बड़ौत क्षेत्र से गहरा नाता रहा है। 1974 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बड़ौत में जनसभा ही नहीं की बल्कि पार्टी के पदाधिकारियों एवं अपने निकट सहयोगियों के घर भोजन कर अपनी जिंदादिली और खुशमिजाजी का परिचय भी दिया।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी बड़ौत में पहली बार 1974 के विधानसभा चुनाव में जनसंघ से बागपत से चुनाव लड़ रहे राम प्यारे पांडेय के प्रचार में पहुंचे थे। उन्होंने संजय मूर्ति पर एक विशाल जनसभा को संबोधित किया था। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर थे।

विनोद जैन एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया कि जनसंघ ने चौधरी चरणसिंह के साथ मिलकर गठबंधन किया था। अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री रहते हुए 1977 में भी बड़ौत व छपरौली में आए थे। इस दौरान भी उन्होंने दोनों जगह विशाल जनसभा को संबोधित किया था। उनकी एक झलक पाने को जनसमुदाय उतावला रहता था। इसके बाद नवम्बर 1980 में भी बड़ौत में नेहरू मूर्ति पर सभा को संबोधित किया था। इसके बाद 1998 में लोकसभा में विपक्ष के नेता रहते हुए वे बड़ौत में आए थे।

इसके बाद प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए 2004 में जाट कॉलेज में आयोजित सभा को उन्होंने संबोधित किया था। लोकसभा के चुनाव में भी वे बड़ौत। आए। उनका लगातार बड़ौत आगमन ही यह सिद्ध करता है कि उनका बड़ौत से कितना अधिक गहरा नाता रहा। यहां के भाजपा नेताओं के साथ उनके प्रगाढ संबंध रहे।

उनके घर पर ही अटल बिहारी वाजपेयी ने भोजन किया। वरिष्ठ भाजपा नेता रहे वकीलचंद जैन के खत्री गढी स्थित आवास पर भोजन करने के अलावा काफी समय यहीं पर बिताया। वहीं विनोद जैन एडवोकेट ने बताया कि जैन समाज के कार्यक्रम में भी अटल बिहारी वाजपेयी ने शिरकत की थी।

इतना छोटा चाय का कप, बड़ा गिलास भरकर लाओ...

नगर के रहने वाले व्यापारी अभय कुमार जैन बताते हैं कि अटल बिहारी वाजपेयी जब बड़ौत आए थे तो उन्हें चाय की इच्छा हुई। दरअसल अटल जी सुबह सवेरे छह बजे पहुंचे थे तो उन्होंने चाय के लिए कहा। उनके लिए तुरंत एक कप चाय लाई गई लेकिन कप देखकर अटल जी कहने लगे कि क्या, रे इतना बड़ा शरीर और इतना छोटा कप।

चाय का एक गिलास भरकर तो लाओ और यह तो बड़ौत है जग भी भर लाओगे तो भी चलेगा। यह सुनकर वहां मौजूद सभी लोग खूब हंसे थे और अटली जी ने एक गिलास भरकर चाय पी थी।

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