ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तर प्रदेश बागपतमलकपुर मिल पर 400 करोड़ का बकाया, सौ करोड की रिकवरी भी फुस्स

मलकपुर मिल पर 400 करोड़ का बकाया, सौ करोड की रिकवरी भी फुस्स

बड़ौत। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए नोटिस जारी करने के बाद भी चीनी मिलें किसानों के करीब छह सौ करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं। बागपत समेत छह जिलों की 12...

मलकपुर मिल पर 400 करोड़ का बकाया, सौ करोड की रिकवरी भी फुस्स
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बागपतWed, 24 Aug 2022 11:25 PM
ऐप पर पढ़ें

बड़ौत। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए नोटिस जारी करने के बाद भी चीनी मिलें किसानों के करीब छह सौ करोड़ रुपये दबाए बैठी हैं। बागपत समेत छह जिलों की 12 मिलों पर किसानों का बकाया चल रहा है। बागपत में अकेले मलकपुर मिल पर किसानों के 394 करोड़ रुपये बकाया हैं। भुगतान जल्द न करने पर गन्ना विभाग की ओर से मिलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

जिले के एक लाख 29 हजार एक सौ किसान बागपत शुगर मिल, गन्ना सहकारी मिल रमाला, मलकपुर शुगर मिल के अतिरिक्त मेरठ की किनौनी शुगर मिल, दौराला शुगर मिल, नंगलामल शुगर मिल, मुजफ्फरनगर की तितावी शुगर मिल, खतौली शुगर मिल, भैंसाना शुगर मिल, शामली की ऊन शुगर मिल, हापुड़ की बृजनाथ शुगर मिल और गाजियाबाद की मोदीनगर शुगर मिल पर गन्ने की सप्लाई की जाती है। इन मिलों पर किसानों के करीब छह सौ करोड़ रुपये बकाया हैं। इनमें से सबसे अधिक 394 करोड़ रुपये बकाया मलकपुर शुगर मिल पर हैं। मलकपुर मिल ने अभी तक चार दिसंबर तक का भुगतान किया है। गन्ना विभाग की ओर से चीनी मिलों को किसानों के बकाये का भुगतान कराने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। इसके बावजूद मिलों पर किसानों का बकाया चल रहा है।

कोट-

मिलों को किसानों के बकाए का भुगतान कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी-डॉ. अनिल भारती,जिला गन्ना अधिकारी

नहीं हो पाई अभी तक 100 करोड की रिकवरी

बड़ौत। सहकारी गन्ना विकास समिति मलकपुर के पूर्व चेयरमैन चौधरी धूम सिंह ने बताया कि मलकपुर शुगर मिल के अधिकारियों को नियम के अनुसार चीनी बेचकर पूरी राशि से किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान करना होता है। आरोप है कि मिल प्रबंधन ने सत्र 2019-20 में 50 करोड़ रुपये व 2020-21 में 50 करोड़ रुपये चीनी बेचकर गन्ना भुगतान करने की जगह कर्ज चुका दिया। इस तरह से यह गड़बड़ की गई है। ऐसा करने वाले प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। डीएम को शिकायत देकर प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई थी। जिसमें डीएम राजकमल यादव ने जांच कराने के बाद रिकवरी कराने का आश्वासन दिया था,लेकिन अभी तक रिकवरी नहीं हुई है।

भुगतान के लिए मिल पर बनाया जा रहा है दबाव

बड़ौत। सहकारी गन्ना विकास परिषद के पूर्व चेयरमैन धर्मेन्द्र तोमर ने बताया कि मलकपुर मिल पर पेराई सत्र वर्ष 2021-22 का 394 करोड रुपये बकाया है। मिल ने गत वर्ष का पूर्ण भुगतान कर दिया है। इस पैराई सत्र का भी चार दिसंबर तक भुगतान कर दिया है। बकाया भुगतान कराने के लिए मिल पर दबाव बनाया जा रहा है।

यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें