बड़े-बड़े जज ठीक किए हैं, रिपोर्ट लिख देंगे तो... रिमांड लेने के लिए दारोगा ने कोर्ट रूम में दिखाई दबंगई
अलीगढ़ में न्यायिक मजिस्ट्रेट पर अभद्रता का आरोप लगाकर खुदकुशी का नाटक करने वाले दारोगा की कारस्तानी सामने आई है। वाहन चोरों की रिमांड बनाने के लिए उसने कोर्ट के अंदर जज को धमकी दे दी।
अलीगढ़ में न्यायिक मजिस्ट्रेट पर अभद्रता का आरोप लगाकर खुदकुशी की कोशिश करने वाले दारोगा की कारस्तानी भी सामने आई है। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दारोगा के खिलाफ सीजेएम और एसएसपी को शिकायती पत्र भेजा है। मजिस्ट्रेट ने पत्र में जो बातें लिखी हैं वह बेहद हैरान करने वाली हैं। दारोगा ने कोर्ट रूम में मजिस्ट्रेट को एफआईआर दर्ज करने की धमकी तक दी। यहां तक कहा कि बड़े-बड़े जज देखे हैं। रिपोर्ट लिख देंगे तो दिमाग ठिकाने आ जाएगा। यही नहीं, केस डायरी भी जज के सामने ही दारोगा ने फेंक दी और कोर्ट से चला गया। एसपी सिटी अब मामले की जांच कर रहे हैं।
बन्ना देवी थाने पर तैनात दारोगा 16 सितंबर को वाहन चोर गैंग को लेकर पहुंचा था। दारोगा चोरों की रिमांड चाहता था लेकिन नहीं मिली। इसके बाद उसने आरोप लगाया कि रात दस बजे तक उसे कोर्ट में बैठाए रखा गया। मजिस्ट्रेट ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। वह खुदकुशी करने जा रहा है। थाने के इंस्पेक्टर ने पूरे मामले से एसएसपी को अवगत कराया और खुदकुशी के लिए रेल पटरी पर जाकर बैठ गए दारोगा को साथी पुलिस वालों ने वहां से समझाते हुए हटाया था।
अब न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कोर्ट के अंदर हुई पूरी घटना का ब्योरा सीजेएम और एसएसपी को लिखकर भेजा है। कोर्ट रूम में दारोगा की करतूत सुनकर हर कोई हैरान है। न्यायिक अधिकारी ने दारोगा पर विधिक कार्य में बाधा डालने, अभद्रता और धमकी देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही इसे कोर्ट की अवमानना भी माना है।
न्यायिक अधिकारी ने रिमांड रिपोर्ट में पूरी घटना को बयां किया है। कहा कि 16 सितंबर को दारोगा सचिन कुमार चार युवकों को वाहन चोरी के आरोप में कोर्ट लाया था। दारोगा चारों की रिमांड चाहता था। आरोपियों को रिमांड पर भेजने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। उनके घर वालों को गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी गई थी। न ही इसका जिक्र किया गया था। इसके बारे में जब पूछा गया तो दारोगा सचिन कुमार ने कहा कि पुलिस के पास इतना समय नहीं है कि फालतू की सूचना आरोपियों के घर वालों को देते फिरे। इस पर दरोगा को समझाने की दृष्टि से कहा गया कि न्यायालय में यह देखा जाना जरूरी है। इस पर दरोगा तर्क देने लगा कि आपका काम रिमांड करना है। कागजों की बारीकी न देखते हुए रिमांड करना आपकी मजबूरी है।
दरोगा को इस तरह की भाषा का प्रयोग न करने की हिदायत दी तो वह धमकाने लगा। अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा कि पुलिस ने बड़े-बड़े जज ठीक कर दिए हैं। अभी एक रिपोर्ट लिख देंगे तो दिमाग ठिकाने आ जाएंगे। दारोगा ने प्रपत्र और केस डायरी फेंकते हुए कहा कि यह कागज आप ही रख लें। मैं मुल्जिमों को लेकर जा रहा हूं। आपके खिलाफ यह मुकदमा लिखाऊंगा कि हमें अपमानित करते हुए आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद कोर्ट से चला गया।
मजिस्ट्रेट ने कहा कि ऐसा दरोगा ने इस आशय से किया कि दबाव में आकर बिना प्र-पत्रों की जांच पड़ताल के रिमांड मंजूर कर ली जाए। यह न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है, क्योंकि यह डरा धमकाकर न्यायिक आदेश प्राप्त करने का प्रयास है। रिमांड रिपोर्ट के अंत में दरोगा द्वारा छोड़े गए प्र-पत्र कोर्ट मोहर्रिर को अपने पास रखने के आदेश दिए हैं। इसके साथ दारोगा द्वारा किए गए दुर्व्यवहार की सूचना इस आदेश की प्रति के साथ सीजेएम और एसएसपी को भेजने के आदेश दिए हैं।
पहले दारोगा का आरोप और अब उसकी कारस्तानी बाहर आने के बाद कचहरी में यह चर्चा का विषय रहा। बाताया जाता है कि एसपी सिटी मृगांग शेखर पाठक ने जज के आरोपों के बाद दारोगा से पूछताछ की है। कहा कि मामले से जुड़े हर तथ्य को देखा जा रहा है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दरोगा का हुआ था चौकी में सिगरेट पीते का फोटो वायरल
दरोगा सचिन कुमार अपने व्यवहार को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहा है। दरोगा यहां से पहले इगलास और उससे पहले सिविल लाइंस की अतरौली गेट चौकी पर तैनात था। अतरौली गेट चौकी पर तैनाती के दौरान चौकी प्रभारी की कुर्सी पर वर्दी पहने बैठकर सिगरेट पीते हुए फोटो वायरल हुआ था। जिसके बाद तत्कालीन एसएसपी ने दरोगा को यहां से देहात ट्रांसफर किया था।
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