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कामगारों को प्रमाण पत्र बना सुरक्षा कवच

कोरोना महामारी के बीच जिले में लौटे कामगारों की वापसी में रोड़ा बना रहा स्वस्थ्य होने का प्रमाणपत्र अब उन्हें मिलने लगा। प्रमाणपत्र को लेने के लिए जिला अस्पताल में ऐसे लोगों का पहुंचना शुरू हो गया...

कामगारों को प्रमाण पत्र बना सुरक्षा कवच
हिन्दुस्तान टीम,बदायूंWed, 22 Jul 2020 03:08 AM
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कोरोना महामारी के बीच जिले में लौटे कामगारों की वापसी में रोड़ा बना रहा स्वस्थ्य होने का प्रमाणपत्र अब उन्हें मिलने लगा। प्रमाणपत्र को लेने के लिए जिला अस्पताल में ऐसे लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है।

जिला अस्पताल में रोजाना तमाम कामगार दवा लेने नहीं वह वहां अपना सुरक्षा कवच बनवाने जा रहे हैं। कामगारों की माने तो जब तक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं बनेगा तब तक जिले से गैर राज्य एवं जिलों को नहीं जाएंगे, क्योंकि बिना स्वास्थ्य प्रमाण पत्र पर न तो वहां कमरा मिल सकेगा, नहीं फैक्ट्रियों में एंट्री मिल पाएगी।

यहां तक कि वहां के ग्रामीण क्षेत्र में गांव का प्रधान और निकाय का मेंमबर नहीं घुसने देगा। रास्ते में गैर राज्य को जाते समय पुलिस को दिखाया जाना बेहद जरूरी रहेगा। अस्पताल अधिकारियों की माने तो रोजाना एक से दो दर्जन लोग प्रमाण पत्र बनवा कर ले जा रहे हैं।

सीएमएस कार्यालय से भी स्वस्थ्य होने का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इन राज्यों को जा रहे कामगार जिले के लोग दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के अलावा यूपी के कई अन्य जिलों को वापस जा रहे हैं। जिससे कामकाज कर सकें।

यह लग रही रिपोर्ट

कामगारों को जिला अस्पताल से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। इसमें कामगार की सबसे पहले थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है, इसके बाद नेत्र रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन, फिजीशियन की रिपोर्ट लगाकर ही स्वास्थ्य प्रमाण पत्र को तैयार किया जा रहा है।

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