बेकार व्यवस्था-बेहाल मरीज, कमान संभाले नीम-हकीम
जिले भर में जानलेवा हुए बुखार पर स्वास्थ्य विभाग नियंत्रण करने में पूरी असफल साबित हो रहा है। पिछले दिनों गठौना गांव में बुखार से दो बच्चों की मौत ने परिवारों को हिलाकर रख...
जिले भर में जानलेवा हुए बुखार पर स्वास्थ्य विभाग नियंत्रण करने में पूरी असफल साबित हो रहा है। पिछले दिनों गठौना गांव में बुखार से दो बच्चों की मौत ने परिवारों को हिलाकर रख दिया।
अब सकरी जंगल गांव में भी बुखार से महिला सहित एक किसान की मौत हो चुकी है। अस्पतालों में संसाधनों का भी संकट बना हुआ है। संक्रामक रोगों के चलते कस्बा की सीएचसी से लेकर प्राइवेट अस्पतालों तक मरीजों की भरमार है। मरीजों को बुखार के चलते सरकारी अस्पताल से लेकर निजी चिकित्सकों के मरीजों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। गांव में बैठे झोलाछाप डाक्टरों की भी जमकर मौज आ रही है। बुखार के मरीजों की सुबह से लेकर देर रात तक इन चिकित्सकों के यहा भी लाइनें लगी रहती हैं।
जहां यह अप्रशिक्षित चिकित्सक गैर कानूनी हैं वहीं जाड़े बुखार से पीड़ित मरीजों का उपचार कर शहरों के चिकित्सकों के यहां मरीजों की भीड़ कम करने में भी सहायक साबित हो रहे हैं। पालिका ने बांटी क्लोरीन की गोलियांउझानी। बुखार से निपटने के लिए नगर पालिका ईओ संजय तिवारी ने टीम के साथ शहर की मलिन वस्ती इंद्रा कालोनी में कैंप लगाकर लोगों को क्लोरीन की गोलियां वितरित कीं।
उन्होंने संक्रमण से बचने के लिए गोलियां पीने के पानी में डालकर पीने की सलाह दी। वहीं मौके पर ही बस्ती के निकट निचले प्लाटों में हुए जलभराव में एंटी लार्वा का छिड़काव भी कराया। ईओ ने मोहल्ले के लोगों से पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने और रात को मच्छरदानी का प्रयोग करने की सालह दी।