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ठगे गये क्राइमब्रांच इंस्पेक्टर, अपनी ही रिपोर्ट को कोर्ट का सहारा

हालात इस कदर खराब हो जायेंगे, पीड़ित पुलिसकर्मी ने सोचा भी नहीं था। पुलिस इंस्पेक्टर को अपने साथ हुयी ठगी की रिपोर्ट लिखाने को कोर्ट का सहारा लेना...

ठगे गये क्राइमब्रांच इंस्पेक्टर, अपनी ही रिपोर्ट को कोर्ट का सहारा
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बदायूंThu, 25 Aug 2022 01:11 AM
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हालात इस कदर खराब हो जायेंगे, पीड़ित पुलिसकर्मी ने सोचा भी नहीं था। पुलिस इंस्पेक्टर को अपने साथ हुयी ठगी की रिपोर्ट लिखाने को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। सीजेएम कोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसको लेकर काफी देर तक हास्यप्रद स्थिति बनी रही। मामला क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ठगी का शिकार होने का था। इंस्पेक्टर की ही रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज नहीं की। पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने से लेकर पुलिस अफसरों तक गुहार लगाई लेकिन उसे न्याय नही मिला। आखिरकार उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। मामले में सुनवाई के बाद सीजेएम नवनीत कुमार भारती ने संबंधित थानाध्यक्ष को मामले में मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिये।

यह था मामला

क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने सीजेएम कोर्ट में 28 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें बताया, पूर्व में वे 112 पुलिस बदायूं में तैनात थे। पुलिस क्लब में निवास करते थे। उसके साथ निरीक्षक रामऔतार भी रहते थे। जिसके पास अशोक कुमार यादव नामक व्यक्ति आता जाता था जिससे सुनील की भी मुलाकात हो गयी। इसके बाद रामऔतार प्रभारी थाना मुजरिया हो गये। एक हेड कांस्टेबल प्रदीप कुमार का भी अशोक परिचित था। आने जाने के चलते भरोसे में लेकर अशोक ने अपनी पत्नी के बीमारी के इलाज वास्ते 30 हजार रुपये उधार मांगे। अशोक ने 25 हजार रुपये वापस लौटा दिये। इसके बाद फिर जरूरत की बात बता 35 हजार रुपये मांगे। वादी ने अशोक को अपने परिचित पुलिसकर्मियों के सामने रुपए दे दिये। काफी दिन बीत जाने के बाद अशोक ने रुपए वापस नहीं दिए और उसके पास भी आना जाना बंद कर दिया। जिसके बाद पीड़ित ने अशोक के गांव बराई खेड़ा कालूपुरा थाना बिसौली में जाकर पता किया तो पता चला कि अशोक ने इस तरीके से कई लोगों से रुपए ठग लिये हैं। इस मामले में पीड़ित क्राइम ब्रांच दरोगा सुनील कुमार ने अपने साथ हुयी ठगी के संबंध में थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों तक रिपोर्ट दर्ज कराने की गुहार लगायी। इसेक बाद भी उसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हुयी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नवनीत कुमार भारती ने इस संबंध में थाना सिविल लाइन से आख्या तलब कर मामले में सुनवाई के बाद संबंधित क्राइम ब्रांच के दरोगा से हुयी ठगी के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिये।

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