साहब! बदायूं में लोगों के घरों में पहुंच रहा पानी पीकर दिखाइए
सावधान हो जाइए, अगर बीमार नहीं होना है तो पानी को उबाल कर पीना शुरू कर दीजिए क्योंकि नगर पालिका की ओर से सप्लाई हो रहा पीने का पानी दूषित है। बीते छह माह से शहर के किसी भी पंप से पानी की सप्लाई के...
नगर पालिका ने छह माह से शहर के किसी भी ओवरहेड टैंक से सप्लाई होने वाले पानी में क्लोरीन नहीं मिलाई गई है। शहर में सप्लाई होने वाला पानी दूषित होने के साथ ही कई जगह कीड़े भी निकल रहे हैं। जिसके बारे में जब शिकायत हुई तो कहा गया कि ओवरहेड टैंक की सफाई हुई है तो शुरुआत में आने वाले पानी को बहने दें। कुछ देर बाद साफ पानी आएगा जिसको प्रयोग किया जा सकता है। जब इसकी पड़ताल की गई तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई।
शहर में कुल नौ ओवरहेड टैंक हैं जिससे पूरे शहर की प्यास बुझ रही है। इन ओवरहैंड टैंक को भरने के लिए बनाए गए पंप में ही क्लोरीन की मशीन को जोड़ा जाता है। जिससे पानी की सप्लाई होने के दौरान आसान से क्लोरीन पानी की अशुद्धता को दूर कर देती है और लोगों तक स्वच्छ पानी पहुंचता है। बीते छह माह से किसी भी पंप पर इस मशीन को पंप से जोड़ा ही नहीं गया और पानी को ऐसे ही सप्लाई किया जा रहा है। इस संबध में जब पंप चालकों से बात की गई तो जानकारी हुई कि नवंबर में क्लोरीनिकरण बंद किया गया था। जिसके बाद अभी तक एक बार भी क्लोरिनीकरण नहीं किया गया है।
वहीं नगर पालिका में जलकल विभाग के मुताबिक पानी को शुद्ध रखने के लिए छह माह पूर्व पांच टन क्लोरीन खरीदी गई थी। पालिका के पास पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन है।
क्लोरिनेशन जरूरी
फिजिशियन डॉ. आशू अग्रवाल ने कहा कि पानी में क्लोरीनिकरण तो सभी मौसम में होना जरूरी है। जिला अस्पताल में पहले जहां मरीज एक हजार से 1500 के करीब आते थे वे अब बढ़कर दो हजार से 2500 तक पहुंच गए हैं। इन मरीजों में रोजाना 20 लोग जिला अस्पताल में भर्ती करना पड़ रहा है। इन मरीजों में अधिकतर पेट संबंधी रोग से पीड़ित हैं। जो दूषित पानी पीने से हो रहा है।
मामले की होगी जांच
सिटी मजिस्ट्रेट और प्रभारी ईओ संजय सिंह का कहना है कि मामले की जांच कराई जाएगी। यदि क्लोरीनिकरण नहीं हो रहा है तो उसे तत्काल शुरू कराया जाएगा। लोगों की सेहत के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।