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खंडज्जा डलावने में सचिव ने किया 113.300 लाख का घोटाला

खडंज्जा डलवाने के नाम पर शासकीय अभिलेखों में की हेराफेरी डीएम के आदेश पर जांच पर की गई जांच में सचिव निकला दोषी इस्लामनगर की ग्राम पंचायत जगत पीपरी...

खंडज्जा डलावने में सचिव ने किया 113.300 लाख का घोटाला
हिन्दुस्तान टीम,बदायूंMon, 26 Oct 2020 03:04 AM
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जिले में ग्राम पंचायत तथा ग्राम विकास अधिकारी दर्जनों के हिसाब से ग्राम पंचायत कब्जाये हुये हैं किसी पर नौ हैं तो किसी पर 15 और 21 हैं। विभागीय कार्यों की जगह दिन भर घोटाला करने में मस्त रहते हैं सालारपुर के ग्राम विकास अधिकारी के घपले का मामला निपटा नहीं है अब बिसौली के ग्राम विकास अधिकारी का घोटाला सामने आ गया है। डीएम ने सचिव को निलंबित कर कार्रवाई करने का आदेश डीडीओ को दिया है। मगर सत्ता की हनक के चलते डीडीओ ने दस दिन बाद भी निलंबित नहीं किया है।

बिसौली ब्लाक क्षेत्र की नौ ग्राम पंचायत पर तैनात सचिव अंकुर पाराशरी का काला चिट्ठा खुल गया है। पिछले दिनों जांच के बाद इस्लामनगर के जगत पीपरी में सचिव द्वारा कराये गये विकास कार्यों में घोटाला खुला है। जिस पर डीएम ने पहली बार नौ अक्टूबर को डीडीओ को कार्रवाई के लिए आदेश जारी किया, इसके बाद दूसरी बार 14 अक्टूबर को डीडीओ चंद्रशेखर सिंह को आदेश जारी किया और नौ अक्टूबर के आदेश पर कार्रवाई करने को कहा। डीएम द्वारा जारी पत्र के अनुसार इस्लमानगर के गांव जगत पीपरी में सचिव तैनात रहा था। इस दौरान गांव में विनोद के घर से मुनेश पाल के घर तक खंडजा कार्य माप पुस्तिका के अनुसार 3.90 मीटर लंबाई का डलवाया गया। जिसमें माप पुस्तिका में अधिक आंकन दिखाया है। जबकि मौके पर लगाया गया खड़ंजा का क्षेत्रफल माप पुस्तिका के अनुसार है। इतना ही नहीं सचिव ने प्रांक्लनन, तकनीकि स्वीकृति, आदेश वित्ती स्वीकृति, बिल बाउचर में कई स्थानों पर कटिंग, ओवरराइटिंग, व्हाइट फ्लूड लगाया। जिससे घोटाला छिप सके, मगर जांच में साफ हो गया कि विनोद के मकान से मुनेश के मकान तक खडंज्जा को प्रांकल्लन पत्रावली में राज्य वित्त से वर्ष 2016-17 में एक लाख 13 हजार 300 रुपये सचिव द्वारा दर्शाया गया है। इसी कार्य पर राज्य वित्त वर्ष 2015-16 में एक लाख 50 हजार 600 रुपये दर्शाया गया है। जिससे खडंजा डलवाया गया था। सचिव ने इस तरह से शासकीय अभिलेखों में हेरा-फेरी करके एक लाख 13 हजार 300 रुपये का घोटाला किया है। वहीं डीएम के आदेश पर निलंबन जैसी कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। इतना ही नहीं सचिव वर्तमान में नौ ग्राम पंचायत संभाले हुये हैं।

जिलाधिकारी कुमार प्रशांत का कहना है कि सचिव के खिलाफ शिकायत पर जांच हुई थी जिसमें वह दोषी पाया गया है, सचिव ने एक ही निर्माण कार्य का दो बार पैसा निकाला है। ग्राम विकास अधिकारी है इसलिये डीडीओ को दो पात्र लिख दिया है, अगर कार्रवाई नहीं है तो डीडीओ का जबाव तलब करते हैं। ऐसे सचिव को तत्काल निलंबित कर हटाया चाहिये था, इसमें डीडीओ की लापरवाही है तो वही जबावदेही के लिए जिम्मेदार हैं।

जिला विकास अधिकारी चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि सचिव की जांच डीएम ने कराई थी डीएम का आदेश भी कार्रवाई को मिल गया है मगर अभी मैं डीएम का पत्र ठीक से नहीं पढ़ पाया हूं, अवकाश में हूं वापस लौटने पर डीएम का आदेश पढूंगा और फिर कार्रवाई सचिव पर की जायेगी।

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