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हम नहीं खोज सकते दीक्षा के कातिल, लगाई एफआर

क्या हो अगर पुलिस ही हत्याकांड का खुलासा करने में हाथ खड़ा कर दे? कत्ल के राज से पर्दा उठाने में पुलिस के सरेंडर करने के तौर तरीके से केवल पीड़ित परिवार ही नहीं बल्कि अफसर भी हैरान हैं। हम बात कर रहे...

हम नहीं खोज सकते दीक्षा के कातिल, लगाई एफआर
हिन्दुस्तान टीम,बदायूंSun, 23 Jul 2017 07:21 PM
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क्या हो अगर पुलिस ही हत्याकांड का खुलासा करने में हाथ खड़ा कर दे? कत्ल के राज से पर्दा उठाने में पुलिस के सरेंडर करने के तौर तरीके से केवल पीड़ित परिवार ही नहीं बल्कि अफसर भी हैरान हैं। हम बात कर रहे हैं दीक्षा हत्याकांड की। हत्याकांड की पड़ताल को खत्म करने के पुलिसिया रवैये से परिजनों ने निराशा जताई है। मामला उघैती थाना क्षेत्र के गांव एपुरा का है। यहां रहने वाले रामफूल शर्मा की 16 साल की बेटी दीक्षा की हत्या 23 दिसंबर की रात कर दी गई थी। परिजनों का कहना था कि मामूली कहासुनी तो गांव में किसी से भी हो जाती थी लेकिन ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ कि नौबत खून खराबे तक पहुंच जाए। नतीजतन परिवार वालों ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। पुलिस का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि कातिल कौन है और कत्ल की क्या वजह रही। इतना कहने के साथ ही पुलिस ने मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। संगीन मामले में विवेचक की इस हरकत से महकमे के अफसर भी हैरत में हैं। बाहर निकली थी जीभ पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक जब दीक्षा का शव बरामद हुआ तो उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी। आमतौर पर ऐसा फांसी लगाने की स्थिति में होता है। दीक्षा की लाश खेत में गड्ढे के भीतर मिली थी, ऐसे में फांसी जैसी आशंका को नकारना गलत नहीं होगा। शौच को निकली थी किशोरी घर में शौचालय नहीं है। ऐसे में घटना वाली रात उसकी बेटी दीक्षा शौच के लिए खेत पर गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी। दूसरे दिन 24 दिसंबर को उसका शव बरामद हुआ था। चकरघिन्नी बनी रही पुलिस इस कांड के खुलासे में जुटी पुलिस टीम कई महीने तक चकरघिन्नी बनी रही। परिजन किसी से रंजिश की बात को सिरे से नकार रहे थे और कोई ऐेसा क्लू भी हाथ नहीं लग पा रहा था जो कातिल तक पहुंचा सके। ऐसे में पुलिस ने इस केस फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यह है फाइनल रिपोर्ट का आधार एसओ उघैती रहे एसआई वेदप्रकाश गुप्ता (अब बरेली स्थानांतरण) ने इस विवेचना की कमान संभाली और आननफानन में एफआर लगाते हुए पल्ला झाड़ लिया। एफआर में खुद विवेचक ने कोर्ट को बताया है कि कातिल फिलहाल नहीं मिला है और उसकी तलाश जारी है। फिलहाल केस की अंतिम आख्या प्रस्तुत है। बेटी को किसने मारा, यह पुलिस नहीं खोज सकी। पता चला है कि इस मामले में तत्कालीन थानेदार ने खात्मा रिपोर्ट लगा दी। पुलिस की कार्यशैली से हम संतुष्ट नहीं है। रामफूल शर्मा, मृतिका के पिताकछला ड्यूटी पर आए हैं। दीक्षा मामले में एफआर का क्या आधार बनाया, इसके बारे में जानकारी नहीं है। केस डायरी देखने के बाद भी कुछ बताया जा सकता है। चरण सिंह सागर,एसओ उघैती।

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