वाल्मीकि जयंती पर सुबह पूजन और रात को कार्यक्रम
जिलेभर में महर्षि वाल्मीकि जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। सुबह में वाल्मीकि जयंती पर नगर के लोटनपुरा, पनबाड़ी, आरिफ नवादा, खेड़ा बुजुर्ग, कबूलपुरा एवं...
जिलेभर में महर्षि वाल्मीकि जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। सुबह में वाल्मीकि जयंती पर नगर के लोटनपुरा, पनबाड़ी, आरिफ नवादा, खेड़ा बुजुर्ग, कबूलपुरा एवं शहवाजपुर में वाल्मीकि समाज द्वारा महर्षि वाल्मीकि के मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन, माल्यार्पण के साथ ही भागवत कथा, रामायण का पाठ व हवन पूजन हुआ। इसके बाद लोगों ने अपने-अपने क्षेत्रों में मिठाई बांटी, साथ ही उनके जीवन चरित्र पर चलने का संकल्प लिया। वहीं शाम को कार्यक्रम किये गये हैं।
शनिवार को सरकार के निर्देश पर जिले में जिला प्रशासन ने भी महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव पर महर्षि बाल्मीकि मंदिरों में विशेष आयोजन किया। इसमें मंदिरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया। सुबह के समय समाज के लोगों ने पहले हवन पूजन किया। इसके बाद मिठाई बांटकर इसकी खुशी मनाई। एडीएम प्रशासन ऋतु पूनिया ने बाल्मीकि मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
मिठाई बांटते हुए उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है, कि वह कितने महान थे। उन्होंने कहा कि भगवान राम के दोनों पुत्र लव और कुश की शिक्षा दीक्षा भी उन्ही के आश्रम में हुई। उन्होंने कहा कि महर्षि के पथ पर चलने का भी संकल्प हमें कामयाबी की ओर ले जाएगा। शहर के लोटनपुरा में वाल्मीकि समाज द्वारा भी पूजन के अलावा शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम बच्चों को द्वारा किये गये हैं।
