सेवा करते करते हुये संक्रमित, अब फिर लगवाई ड्यूटी
कोरोना संक्रमितों की सेवा करते हुए पता नहीं कब संक्रमण ने जकड़ लिया। घर जाने के लिए छुट्टी मिली लेकिन इससे पहले टेस्ट कराया तो पता लगा कि संक्रमित...
बदायूं। हिन्दुस्तान संवाद
कोरोना संक्रमितों की सेवा करते हुए पता नहीं कब संक्रमण ने जकड़ लिया। घर जाने के लिए छुट्टी मिली लेकिन इससे पहले टेस्ट कराया तो पता लगा कि संक्रमित हो गये। इस बीच घबराये बिल्कुल नहीं, परिवार वाले भले ही अंदरखाने घबराये हों लेकिन मुझे फोन से लगातार हौंसला देते रहे। नौ दिन तक उझानी एल वन सेंटर में भर्ती रहे और मनोबल नहीं गिरने दिया। इसके बाद कोरोना खुद व खुद हार गया।
यह सबक है एंबुलेंस 108 सेवा में तैनात ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टैक्नीशियन) निशांत का। बकौल निशांत नौ दिन भर्ती रहे और इस बीच अकेले रहना पड़ा लेकिन यह हौंसला बनाये रखा कि कोरोना किसी भी सूरत में हावी नहीं होगा। सोच सकारात्मक रखी और गाइडलाइन का पालन करते रहे। मन में यह खौफ बिल्कुल नहीं आने दिया कि कोरोना नाम की बीमारी जानलेवा है। खुद के साथ वहां मौजूद अन्य मरीजों को भी यही समझाते रहे कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बीमारियां आती-जाती रहती हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि कोई भी बीमारी जान ले जाये। पौष्टिक आहार लिया और संयमित दिनचर्या रखी।
इस बीच समय-समय पर परिवार वाले भी हाल लेते थे, सभी ने हौंसला बंधाया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इससे भी काफी मनोबल बढ़ा और अंतत: कोरोना को मात दे डाली। निशांत मूलरूप से मुरादाबाद के थाना बिलारी इलाके के गांव समाथन के रहने वाले हैं। खासियत यह है कि इस बार भी उन्होंने अपनी ड्यूटी कोविड संक्रमितों को मेडिकल कालेज पहुंचाने में लगवाई है।
