कोरोना महामारी के बाद जिला पुरुष अस्पताल आधा कोरोना के लिए बना दिया गया है।
इसके बाद अब सामान्य अन्य मरीजों को बोझ लाद दिया गया है, जबकि सामान्य मरीजों से बेड फुल हैं। इसके बाद मेडिकल कालेज ने इमरजेंसी बंद कर दी है, इसके बाद से सामान्य मरीजों की संख्या बढ़ गई है और बेड फुल हो गए हैं।जिला पुरुष अस्पताल में सामान्य मरीजों के लिए बेड की स्थिति फुल होती जा रही है।
जिला अस्पताल में आधा अस्पताल कोरोने किए बना दिया है। जिसकी वजह से आई वार्ड, प्राइवेट वार्ड, ह्दय रोग वार्ड, ईएनटी वार्ड, पेइंग वार्ड, आर्थो वार्ड को कोरोना के मरीजों के लिए लगा दिया है। इसके बाद अब सामान्य मरीजों के लिए केवल सर्जीकल वार्ड, इमरजेंसी वार्ड और मेल-फीमेल वार्ड ही बचे हैं।
जिसमें इमरजेंसी वार्ड सर्जीकल वार्ड सड़क हादसों में घायल व मारपीट एवं अन्य मामलों में घायलों को भर्ती किया है। मेल-फीमेल में अन्य प्रकार के मरीज भर्ती हैं, विभागीय आंकडों के अनुसार जिला पुरुष अस्पताल में दस से 15 बेड ही बचे हैं। इधर मेडिकल कालेज की इमरजेंसी सेवा बंद होने के बाद से मरीजों का लोड़ बड़ रहा है।
वहीं सीमित स्टाफ के सहारे मरीजों की भार आ गया है, जिसमें कोरोना का उपचार भी करना है और सामान्य मरीजों को भी स्टाफ को देखना है।
मेडिकल कालेज ने बढ़ाया लोड
राजकीय मेडिकल कालेज में ओपीडी के बाद इमरजेंसी भी बंद कर दी गई है। इमरजेंसी बंद कर दी है अब सामान्य मरीजों को नहीं लिया जा रहा है जिसकी वजह से गंभीर समस्या वाले मरीज जिला पुरुष अस्पताल में आने लगे हैं। जिसकी वजह से जिला पुरुष अस्पताल पर दोगुना लोड़ हो गया है।