खुदे के चिकित्सा व्यवसाये के आगे सरकारी चिकित्सा व्यवस्था को संविदा के डॉक्टरों ने चौपट कर दिया है। हालात यह हैं कि डॉक्टर गायब रहते हैं, उपचार नर्सों को करना पड़ रहा है। महिला अस्पताल की प्रसूतायें चाहे रात हो या फिर दिन हो भटकती रहती हैं।
जिला महिला अस्पताल में प्रसूताओं को उपचार के लाले पड़ गये हैं। इमरजेंसी के डॉक्टरों पर कोई भी लगाम नहीं कस रहा है, इसकी वजह से प्रसूतायें परेशान हो रही हैं। पिछले एक सप्ताह में दो बार प्रसूताओं के परिजन इसी बात को लेकर हंगामा कर चुके हैं कि समय पर डॉक्टर नहीं मिलते हैं। डॉक्टर से इलाज कराने के लिये इमरजेंसी जैसी व्यवस्था में रात के समय दो-दो घंटे इंतजार कराया जाता है। इमरजेंसी में ड्यूटी की हाजरी लगाने के बाद डॉक्टर गायब रहती हैं। अधिकांश डॉक्टरों के खुदके अस्पताल हैं तथा अन्य प्राइवेट अस्पतालों में सेवायें दे रही हैं।
रात्रि के समय भगवान भरोसे
जिला महिला अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टर ड्यूटी पर एक बार को आपको दिन में तो मिल सकती हैं लेकिन रात के समय तो डॉक्टर मिलना बहुत बड़ी बात है। रात के समय भगवान भरोसे मरीजों का इलाज रहता है। रात के समय या तो डॉक्टर प्राइवेट अस्पताल में सेवायें दे रहीं होंगी, या फिर घर पर आराम कर रहे होंगे लेकिन महिला अस्पताल में नहीं मिलते हैं।
फोन पर भी चलता है इलाज
महिला अस्पताल की इमरजेंसी में डाक्टर मरीज के उपचार को नर्सों के लिये फोन पर बताते हैं कि किस तरह से उपचार देना है। अगर उपचार फिर भी नहीं होता है तो कई बार तो रेफर भी करा दिया जाता है।