भक्ति होनी चाहिए भगवान तो मिल ही जाते है : चित्रलेखा
श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को कथा वाचिका चित्रलेखा ने गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाई। कथा श्रवण करने को नगर के अलावा आसपास केस्थानों की भीड़ उमड़ी।कथा वाचिका ने कहा किसी भी योनी का जीव भगवान को...
श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार को कथा वाचिका चित्रलेखा ने गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाई। कथा श्रवण करने को नगर के अलावा आसपास केस्थानों की भीड़ उमड़ी।
कथा वाचिका ने कहा किसी भी योनी का जीव भगवान को प्राप्त कर सकता है। जिस तरह गजेंद्र नामक हाथी जब तालाब में स्नान कर रहा था तब ग्राह नामक हाथी ने उसका पांव पकड़ लिया, और सभी से मदद मांगने के बाद भी किसी ने मदद नहीं की। तब गजेंद्र ने भगवान को खुद के लिए समर्पित कर दिया। तब जाकर भगवान ने गजेंद्र की रक्षा की। समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा एक तरफ देवता और एक तरफ राक्षस थे। जहां भगवान ने मोहिनी अवतार ग्रहण करके देवताओं को अमृत पान कराया और वामन अवतार की कथा सुनाई। भगवान वामन ने राजा बलि से संकल्प कराकर तीन पग भूमि दान में मांगी और इस तीन पग में भगवान वामन ने पृथ्वी, आकाश और तीसरे पग में राजा बलि को मापा। उन्होंने प्रभु राम अवतार का प्रसंग श्रवण कराते हुए बताया कि भगवान राम अपनेचरण के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम कहे जाते हैं, भगवान राम सभी नैतिक गुणों से संपन्न हैं। प्रभुराम के द्वारा सभी दैत्यों का संहार किया गया। माता सीता के हरण के बाद हनुमानजी प्रभु की भेंट हुई व लंका दहन के साथ रावण वध का वर्णन किया। चित्रलेखा ने जब नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के भजन का गान किया। तो पांडाल में बैठे भक्त झूम उठे। मुकेश शर्मा, सरिता वाष्र्णेय, विमलेश गुप्ता, अनुपम गुप्ता, मनोज मिश्र, सुरेन्द्र अग्रवाल, प्रदीप गुप्ता, महेंद्र प्रताप यादव, सुरेश गुप्ता मौजूद थे।