ईद को लेकर सजने लगे बाजार, तैयारियां शुरू
मुकद्दस रमजान का नौवां रोजा भी बुधवार को मुकम्मल हो गया। जैसे-जैसे रमजान का महीना गुजर रहा, वैसे-वैसे बाजारों में रौनक बढ़...
मुकद्दस रमजान का नौवां रोजा भी बुधवार को मुकम्मल हो गया। जैसे-जैसे रमजान का महीना गुजर रहा, वैसे-वैसे बाजारों में रौनक बढ़ रही। अभी से ही बाजार में ईद की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
बाजार में इफ्तार के लिए खजूर सहित अन्य फलों की दुकानें गुलजार हैं। इस बार फलों के दाम बढ़ने से रोजेदारों को जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है।शुक्रवार से मुकद्दस रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो जाएगा। बुधवार को रमजान का नौवां रोजा मुकम्मल हो गया। पहला अशरे की विदायगी के साथ ही धीरे-धीरे बाजार की रौनक भी बढ़ रही है। कपड़ों से लेकर खाने-पीने की चीज बाजार में सज गई हैं।
व्यापारी अभी से ईद पर सेंवई और अन्य खाद्य सामग्री इकट्ठा कर रहे हैं। उधर, इफ्तार व सहरी में फलों की खपत बढ़ती है। खजूर संग सेब, संतरा, अमरूद व आम आदि के दामों में भी इजाफा हुआ है। बुधवार को भी बाजार में जगह-जगह रौनक रही। भीषण गर्मी के बावजूद बाजार में खरीदारों की भीड़ बढ़ रही है।
उधर, ईद को लेकर कपड़ों की सिलाई का काम भी तेज हो गया है। टेलरों के यहां पहले से एडवांस बुकिंग की जा रही है।मुबारक महीने की बरकत से अल्लाह तमाम गुनाह बख्श देता बदायूं। छोटी सरकार के सज्जदानशीन अशरफ पीर हाफिज वसीम कहते हैं कि रमजान का महीना बहुत ही सब्र व बरकतों वाला महीना है।
रमजान का रोजा फर्ज हुआ। (हदीस शरीफ ) है। प्यारे नवी इरशाद फरमाते हैं कि माह ए रमजान तमाम महीनों पर ऐसी फजीलत हैं। जैसी अल्लाह तआला को तमाम मखलूक पर और यह भी फरमाया कि रमजानुल मुबारक का चांद होते ही शयातीन कैद कर दिए जाते हैं और दोजख के तमाम दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। और अल्लाह तआला बहुत से गुनहगारों को अजाब से निजात देता हैं। नेक काम करने वालों को दस गुना सवाब अता फरमाता हैं। हुजूर फरमाते हैं कि अर्श के पास एक जगह हैं जिसका का नाम खैरूल कुदूस हैं और वह जगह नूर की हैं।
उस जगह से अल्लाह तआला अपने बंदों को देखता हैं, जो तरावीह पढ़ते हैं। रमजान माह के अव्वल दिनों में रहमत, दूसरे में मगफिरत और तीसरी में दोजख से आजादी मिलती हैं। प्यारे नवी फरमाते हैं कि लोगों को यह मालूम हो जाए कि रमजान क्या चीज़ हैं। तो मेरी उम्मत यह तम्मना करेगी सारे साल रमजान हो जाये। इस मुबारक महीने की बरकत से अल्लाह तमाम गुनाह बख्श देता हैं। हमें अल्लाह की रज़ा हासिल करने के लिये इबादत व तिलावत कर गुनाह से तौवा करनी चाहिए, मिस्कीनो से अच्छा बर्ताव करें जकात दे झूठ, बुराई, चोरी, जिना, से बचें परदे का ख्याल रखें।