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बंदी उगाएंगे, अफसर-शहरी मिलकर खाएंगे जेल के खेत की सब्जियां

जेल की बंजर पड़ी भूमि पर हरी सब्जियां उगाई जाएगी। इसकी तैयारी जेल प्रशासन ने शुरू कर दी है। जेल अफसरों ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए कृषि अफसरों से भी संपर्क साधा...

बंदी उगाएंगे, अफसर-शहरी मिलकर खाएंगे जेल के खेत की सब्जियां
हिन्दुस्तान टीम,बदायूंSat, 26 May 2018 12:56 AM
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जेल की बंजर पड़ी भूमि पर हरी सब्जियां उगाई जाएगी। इसकी तैयारी जेल प्रशासन ने शुरू कर दी है। जेल अफसरों ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए कृषि अफसरों से भी संपर्क साधा है। शुरुआती दौर में भूमि उपजाऊ बनाने के लिए जिप्सम डाली जाएगी। पिछले दिनों डीएम दिनेश कुमार सिंह जेल अफसरों के साथ भूमि का निरीक्षण कर चुके हैं। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही जेल की जमीन पर बंदियों द्वारा उगाई गई सब्जियों को बंदियों के संग अफसर व शहरी भी खाएंगे।जिला जेल में बंद कैदी और बंदी अब जेल की भूमि पर उगाई हुई सब्जियां खाएंगे। इसको लेकर जेल प्रशासन ने रेलवे क्रसिंग के पास पड़ी बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने की तैयारी की है।

जेल प्रशासन और डीएम ने भूमि के निरीक्षण के दौरान बेमौसमी सब्जियां कराने की भी रणनीति तैयार की है। डीएम ने कहा कि जहां भूमि ऊंची नीची है उसक समतलीकरण कराया जाए। जिससे भूमि एक लेबल में आ सके। वर्तमान में बंजर भूमि पोषक तत्वों की कमी से जूझ रही है। जिसको लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया है। भूमि की मिट्टी का नमूना लेकर जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पोषकतत्वों की पूर्ति की जाएगी।तीन एकड़ है जेल की भूमिजेल प्रशासन के पास तीन एकड़ भूमि है। जहां चार वर्ष पूर्व में सब्जियां उगाई जाती थी। जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को ले जाकर खेतों में काम कराया जाता था। जेल के खेत की सब्जियां जेल के अलावा अफसरों के यहां भी सप्लाई होती थी। लेकिन वर्तमान में भूमि बंजर पड़ी है। अब फिर से बंजर पड़ी भूमि को हराभरा बनाया जाएगा।पानी के लिए कराया जाएगा बोरिंगजेल की भूमि तो तीन एकड़ है।

सिचाईं की कोई व्यवस्था नहीं है। पूर्व में भी फसल की सिचाईं करने की समस्या आई थी। लेकिन इस बार भूमि को उपजाऊ बनाने के साथ ही सिचाईं के लिए जेल प्रशासन खुद बोरिंग कराएगा। जिससे की सिचाईं के अभाव में फसल सूखकर खराब न हो।ये उगाई जाएगी सब्जियांवैसे तो प्रशासन जेल की भूमि पर बेमौसमी सब्जियां करवाने के मूड में है। लेकिन आमतौर पर सीजनल सब्जियां उगाई जाएगी। इसमें फूलगोभी, लौकी, कद्दू, पालक, मेंथी, गाजर, टमाटर, धनियां, पोदीना, बंद गोभी, फूलगोभी, आलू के अलावा मक्का की खेती कराई जाएगी।ेइसलिए बंद कराई थी खेतीचार साल पहले जेल की भूमि पर बंदियों को ले जाकर खेती कराई जाती थी। जेल के पास पर्याप्त स्टॉफ नहीं थी। जिसकी वजह से बंदियों के भागने की आशंका बनी रहती थी। कई बार बंदियों ने भागने की कोशिश भी की थी। इसके बाद जेल प्रशासन ने बंदियों को खेत पर जाने से रोक दिया था।

चार साल से भूमि की जुताई खुदाई नहीं हुई। जिसके चलते भूमि बंजर में बदल गई।अब ऐसे कराई जाएगी खेतीजेल प्रशासन ने इस बार खेती कराने से पहले पूरी ठोस रणनीति तैयार की है। इस रणनीति में सबसे पहले बंदियों को कड़ी सुरक्षा में लाने और ले जाने का इंतजाम शामिल किया है। इसके अलावा जहां खेती कराई जाएगी, उस ऐरिया की कटीले तारों से 20 फीट ऊंची फैसिंग कराई जाएगी। इसके अलावा कुछ ऐरिया में चाहरदीवारी भी कराई जाएगी। इधर जेल प्रशासन ने पर्याप्त स्टॉफ की मांग भी उच्च अधिकारियों से की है। जिससे बंदियों की कड़ी निगरानी की जा सके।जेल की बंजर पड़ी भूमि को उपजाऊ बनाने की तैयारी चल रही है। इस भूमि पर सब्जियों की खेती कराई जाएगी। खेतों में काम कैदियों से कराया जाएगा। जिन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच खेतों पर भेजा जाएगा।कैलाशपति त्रिपाठी, जेल अधीक्षक

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