राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने कहा कि जिले में व्यवसथायें तो ठीक हैं, पालन कराने में कमी है। शिशु गृह के निरीक्षण में देखा कि वहां कोरोना के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसे देखकर काफी खराब लगा। एक संस्थान के तहत तीन संस्थान चलाये जा रहे हैं, जो गलत है, कार्रवाई को कहा।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष गुरुवार को बदायूं में विकास भवन में अफसरो के साथ बैठक कर रहे थे। पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि निरीक्षण में पाया कि एक सस्थान के तहत तीन संस्थान चलाये जा रहे हैं। जिसमें खुला आश्रय गृह, शिशु गृह और दत्तक गृहणी इकाई शामिल है। शिशु गृह के निरीक्षण में देखा कि वहां कोरोना के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिसे देखकर खराब लगा और दुख पहुंचा।
इसके बारे में प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिये। बाल कल्याण समिति का स्पष्ट कहना है कि ऐसे बच्चे जो 18 वर्ष से कम आयु के हों और वह सड़क पर कहीं भी श्रम करते या भिक्षा मांगते दिखाई दे तो वह बच्चे बाल कल्याण समिति के सामने लाए जाने चाहिये। अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि 250 मदरसे ऑनलाइन हो चुके हैं, जिनमें सरकार की ग्रांड जाएगी। ग्रांड जाने के बाद जेजे एक्ट भी स्पष्ट तौर पर लागू होगा। बताया कि सरकारी/गैर सरकारी योजनाओं के तहत मिशन, शक्ति, पॉक्सो, रानीलक्ष्मी वाई महिला एवं बाल सम्मान कोष, नो चाइल्ड कैंपेन सहित टीमों के साथ समीक्षा बैठक की। इस मौके पर एडीएम प्रशासन ऋतु पूनिया व एसपी देहात सिद्धार्थ वर्मा मौजूद रहे।