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सीएमओ ने चौंकाने वाला दिया आदेश, बोले-अपनी इच्छा बताओ, मंत्री-विधायक की नहीं मानूंगा

राजनीतिक प्रेशर का गुबार स्वास्थ्य विभाग में फूट गया। तबादला को लेकर जारी किए आदेश में साफ लिख दिया है कि तबादले के लिए किसी भी माननीय एवं जनप्रतिनिधि व प्रभावशाली की एक नहीं मानेंगे। दबाव बनाने पर...

सीएमओ ने चौंकाने वाला दिया आदेश, बोले-अपनी इच्छा बताओ, मंत्री-विधायक की नहीं मानूंगा
हिन्दुस्तान संवाद,बदायूंSun, 05 Jan 2020 12:32 PM
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राजनीतिक प्रेशर का गुबार स्वास्थ्य विभाग में फूट गया। तबादला को लेकर जारी किए आदेश में साफ लिख दिया है कि तबादले के लिए किसी भी माननीय एवं जनप्रतिनिधि व प्रभावशाली की एक नहीं मानेंगे। दबाव बनाने पर बर्खास्तगी और कर दी जाएगी। जारी आदेश में तो सिर्फ इच्छा पूछी है मंत्री-विधायक सिफारिश स्वीकार नहीं होगी। जिले में एनएचएम के तहत ब्लाकों पर तैनात ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधन इकाई पिछले काफी समय से विवादों में फंसी चल रही है। जिस पर डीएम ने सभी को हटाकर तबादला करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ ने भी तीन जनवरी को आदेश जारी कर दिया है, जिससे विभाग ही नहीं जिले की राजनीति में भूचाल आ गया है।

सीएमओ ने सभी ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक, ब्लाक कम्युनिटी प्रोसेस प्रबंधक, ब्लाक लेखा प्रबंधक, एमसीटीएस ऑपरेटर को आदेश जारी किया है। जिसमें कहा कि सभी का तबादला किया जाएगा, इसके लिए तीन-तीन ब्लाकों पर तैनाती का फर्मा है इसको भरकर दें। आदेश में साफ-साफ लिखा है इसके लिए किसी भी जनप्रतिनिधि (मंत्री-विधायक), प्रभावशाली व्यक्ति से दबाव न डलवाएं। वरना तैनाती की जगह डीएम के आदेशों पर संविदा समाप्त करा दी जाएगी। इस आदेश से साफ हो रहा कि बस तैनाती की इच्छा बताओ राजनीति न करो, अगर राजनीति करी तो घर बैठो।

छह वर्ष बाद बदली जाएगी कुर्सी

स्वास्थ्य विभाग में राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को लेकर बीपीएम, बीसीपीएम की नियुक्त की गई थी, यह नियुक्त सपा सरकार में की गई। उस दौरान राजीनीति की पहुंच के चलते कुर्सी हासिल की और तभी से कुर्सी पर डटे हुए थे। विभागीय सूत्र बताते हैं कि यह तैनाती वर्ष 2013-14 में की गई थी, इसके बाद से एक ही जगह कार्य कर रहे थे। अब विवादों में हटाने के बाद बारी आई है, जो कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। इसमें में राजनीति चल रही थी, लेकिन सीएमओ ने लिखित में लाकर चौंका दिया है।

सांसद-मंत्री बना चुके हैं दबाव

नगरीय स्वास्थ्य सेवा के तहत नेकपुर में स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। इसकी बिल्डिंग बदली जानी थी, इसको लेकर पिछले काफी दिनों तक फजीहता सीएमओ कार्यालय में चला था। जिसमें सीएमओ पर एक ओर वर्तमान सांसद दबाव बना रहे थे, वहीं दूसरी ओर जिले के मंत्री दबाव बना रहे थे। सूत्र बताते हैं सांसद कह रहे थे कि केंद्र इसी बिल्डिंग में चलाओ, मंत्री कह रहे थे दूसरी बिल्डिंग में आफिस खोले। मगर अभी भी बिल्डिंग का मामला लटका है।

किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए कुछ ऐसा नहीं लिखा है। बाकी विभाग के कई कार्यों में राजनीतिक के कुछ लोगों का प्रेशर आता है कि कार्य उनके बताए अनुसार करो, वहीं उच्चाधिकारी कहते हैं उनके अनुसार करो। इसलिए लिख दिया, कुछ गलत नहीं लिखा है यह तो लिखा जा सकता है।
डॉ. मंजीत सिंह, सीएमओ

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