सीएम साहब! बदायूं का एक ऐसा स्कूल जहां मौत के साए में होती है पढ़ाई, एक से पांच तक की लगती है कक्षाएं
ब्लाक क्षेत्र के गांव करौरी शहदपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय आज के इस आधुनिक युग मे भी अपनी दशा पर रो रहा है। करौरी शहदपुर में प्राथमिक विद्यालय का निर्माण सन 1975 मे हुआ है। इस भवन को देखकर तो...
ब्लाक क्षेत्र के गांव करौरी शहदपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय आज के इस आधुनिक युग मे भी अपनी दशा पर रो रहा है। करौरी शहदपुर में प्राथमिक विद्यालय का निर्माण सन 1975 मे हुआ है।
इस भवन को देखकर तो यही लगता है की अभी गिरा। नए भवनों में एक भूकंपरोधी कक्ष बनाया गया है। जिस एक ही कक्ष मे क्लास एक से पांचवे तक के बच्चे पढ़ते है तथा एक अतिरिक्त कक्ष है जिसमे अध्यापको ने अपना स्टाफ कक्ष बनाया है।
बाकी सारी कक्षाएं एक ही कक्ष में एक साथ संचालित की जाती है। जिससे बच्चों की सही से पढ़ाई भी नही हो पा रही है। उधर विद्यालय भवन इतना जर्जर होने के कारण अभिभावक अपने बच्चों को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं। भले उसमें क्लास नही लगते है। विद्यालय मे कुल 134 बच्चे पंजीकृत हैं। उधर प्रधानअध्यापक अतुल कुमार ने बताया कि विद्यालय की मेन बिल्डिंग तो पूरी जर्जर है उसमें बच्चों का अध्यन तो नही करवाते हंै फिर भी एक बाउंड्री वॉल के होने के बच्चो को लेकर चिंता रहती है।