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बदायूं को वायदे तो हजार, पूरे करो सरकार

सूफी संतों, कवियों-शायरों की नगरी अब करे पुकार, सुनो सरकार अब कर दो बदायूं का उद्धार। पांच वर्ष के लिए बदायूं की गद्दी पर सांसद को बिठाने जा रही है और संसद में बदायूं की जनता अपना सांसद चुनकर...

बदायूं को वायदे तो हजार, पूरे करो सरकार
हिन्दुस्तान टीम,बदायूंThu, 23 May 2019 01:34 AM
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सूफी संतों, कवियों-शायरों की नगरी अब करे पुकार, सुनो सरकार अब कर दो बदायूं का उद्धार। पांच वर्ष के लिए बदायूं की गद्दी पर सांसद को बिठाने जा रही है और संसद में बदायूं की जनता अपना सांसद चुनकर पहुंचाने जा रही है। संसद तक पहुंचाने के पीछे बदायूं की जनता को एक ही ललक है कि बदायूं का विकास और बड़े-बड़े मुद्दे हों साकार। प्रदेश में सबसे पुराना जिला बदायूं, यूपी गठन के दौरान 1840 में सबसे पहला जिला बदायूं बना था और उसके बाद दूसरा जिला इलाहाबाद बना। इलाहबाद कहां से कहां पहुंच गए और बदायूं पिछड़ेपन का दंश झेल रहा है। यही कारण है विकास के क्षेत्र में बदायूं पीछे हैं और विकास के लिए जनता की मांग बरकरार है। 2019 में गद्दी पर नेताजी को बैठाने का मौका है, इसी बीच बदायूं की जनता उद्योग से रोजगार और ट्रेन से व्यापार व कनेक्टविटी, मेडिकल कालेज की मान्यता से उपचार और एमबीबीएस जैसे पढ़ाई, नदियों के उद्धार से किसानों को हरियाली, भागीरथ घाट को पर्यटन व सड़कों से सुगम रास्ता मांग रहा है।

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