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बदायूं में बगैर आई कार्ड के अब कोर्ट में नहीं जा सकेंगे अधिवक्ता

अब हाईकोर्ट की तर्ज पर जिला न्यायालय में भी अधिवक्ता व उनके मुंशी बगैर पहचान पत्र दिखाएं प्रवेश नहीं कर सकेंगे। पिछले दिनों जनहित याचिका में पारित आदेश और सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत हाईकोर्ट ने सभी...

बदायूं में बगैर आई कार्ड के अब कोर्ट में नहीं जा सकेंगे अधिवक्ता
हिन्दुस्तान संवाद,बदायूंMon, 20 Jan 2020 12:05 PM
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अब हाईकोर्ट की तर्ज पर जिला न्यायालय में भी अधिवक्ता व उनके मुंशी बगैर पहचान पत्र दिखाएं प्रवेश नहीं कर सकेंगे। पिछले दिनों जनहित याचिका में पारित आदेश और सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत हाईकोर्ट ने सभी जिला न्यायालय में फुलप्रूफ सुरक्षा योजना का मैप तैयार कर अमल में लाने का आदेश दिया है। 15 फरवरी के बाद किसी भी स्थिति में बगैर पहचान पत्र के किसी भी अधिवक्ता व उनके मुंशी, क्लर्क का प्रवेश नहीं होगा।

विदित हो, पिछले दिनों कोर्ट परिसर व कोर्ट में हुई वारदातों के तहत हाई कोर्ट सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को लगातार दिशा निर्देश जारी कर रही थी। जिसके तहत लगातार सरकार सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर खानापूरी कर रही थी। लेकिन अब जनहित याचिका में पारित आदेश व हाईकोर्ट की जिला न्यायालय की फुलप्रूफ सुरक्षा योजना के चलते पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था लागू की जा रही है। हाईकोर्ट ने जिला न्यायालय में अधिवक्ताओं को जिला जज के हस्ताक्षर के तहत पांच साल के लिए वैध पहचान पत्र जारी होगा। उस पहचान पत्र के जरिए ही कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं की एंट्री होगी। इस कार्य के लिए जिला अधिकारी के माध्यम से पहचान पत्र बनाने वाली एजेंसी से पहचान पत्र तैयार कराए जाएंगे। यह प्रक्रिया हर हालत में 15 फरवरी तक पूरी हो जाएगी।

जिला बार एसोसिएशन में शुरू प्रक्रिया

जिला बार एसोसिएशन के पुस्तकालय हॉल के कंप्यूटर कक्ष से एडवोकेट रोल संबंधी फार्म दिया जा रहा है। जिसमें अधिवक्ता अपने दो फोटो, सीओपी प्रमाण पत्र, एलएलबी की मार्कशीट व फॉर्म में दिए गए दिशा निर्देशों के साथ निर्धारित शुल्क सहित फार्म जिला न्यायालय के कार्यालय में जमा किए जाएंगे।

क्लर्क के भी होंगे रजिस्ट्रेशन

वैसे तो अधिवक्ताओं के क्लर्क के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया काफी समय से चली आ रही है, लेकिन पिछले काफी समय से चंद अधिवक्ताओं के क्लर्क ही रजिस्ट्रेशन कराते थे। लेकिन अब जिन अधिवक्ताओं के क्लर्कों के रजिस्ट्रेशन होंगे, वहीं क्लर्क कोर्ट परिसर में एंट्री कर पाएंगे। इसके लिए भी प्रक्रिया शुरू हो गई है।

बादकारियों को भी जारी होंगे गेट पास

जनहित याचिका में पारित आदेश के बाद जिला न्यायालय को जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक रजिस्टार जनरल के परामर्श के बाद यह भी निर्णय लिया गया है, कि वादकारियों को गेट पास जारी किए जाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जिला न्यायालय को धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। बगैर गेट पास के वादकारी भी न्यायालय परिसर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। इसका कार्य भी 15 फरवरी तक पूरा किया जाएगा।

वादकारियों के लिए सिर्फ एक गेट से होगी एंट्री

पिछले दिनों अन्य जिलों में हुई कोर्ट परिसर व कोर्ट में हुई घटनाओं को लेकर जनपद न्यायाधीश रमेश चंद दिवाकर, सीजेएम राकेश कुमार तिवारी, डीएम कुमार प्रशांत व एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी, जिला बार अध्यक्ष यतेंद्र पाल सिंह यादव और महासचिव ब्रह्मानंदन गौतम के साथ सुरक्षा को लेकर रणनीति तैयार की गई थी। जिसके तहत अब वादकारी सिर्फ स्केनर लगे गेट से ही एंट्री करेंगे। स्केनर के बीच से होकर तालाशी के बाद वादकारी कोर्ट तक जा सकेंगे।

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