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जिले में 30 परिषदीय स्कूल बनाए जाएंगे मॉडल

परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का बेहतर माहौल बनाने के लिए शासन की ओर से एक बार फिर से मॉडल स्कूलों को बनाने का आदेश जारी किया गया...

जिले में 30 परिषदीय स्कूल बनाए जाएंगे मॉडल
हिन्दुस्तान टीम,बदायूंFri, 31 May 2019 07:58 PM
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परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का बेहतर माहौल बनाने के लिए शासन की ओर से एक बार फिर से मॉडल स्कूलों को बनाने का आदेश जारी किया गया है। शासन के आदेशानुसार जिले के हर ब्लॉक में दो विद्यालयों को मॉडल बनाया जाएगा।

जिसमें एक हिंदी तो एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल होगा। इन स्कूलों में अन्य स्कूलों के मुकाबले कहीं अधिक सुविधाएं और बेहतर शिक्षा का माहौल होगा। शासन परिषदीय स्कूलों को निजी स्कूलों की तर्ज पर संचालन करने के लिए अग्रसर है। इसके तहत उन्हें हर स्तर पर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पिछले तीन चार साल कवायद की जा रही है।

पहले स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम नामित किया गया अब उनमें सुविधाएं भी दी जाएगी। जिले के सभी विकास खंडों में दो स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया जाना है। इनमें एक अंग्रेजी और एक हिंदी माध्यम के स्कूल का चयन किया जाएगा। इन स्कूलों में सुविधाएं मुहैया कराने के साथ शारदा योजना के तहत बच्चों के नामांकन पर भी जोर दिया जाएगा। 31 मई तक मांगा विद्यालयों का डाटा यू डायस प्लस सॉफ्टवेयर पर 31 मई तक सभी विद्यालयों के ब्योरे भी फीड कराने के निर्देश दिए। मॉडल स्कूल ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को बनाने पर जोर है। इन विद्यालयों के संसाधनों पर 23.80 लाख रुपये तक खर्च किए जाएंगे।स्कूल डिजिटल लर्निंग से होंगे सुसज्जितदेहात क्षेत्र के कुछ परिषदीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या बढ़ने से उत्साहित विभाग ने मॉडल स्कूल बनाने का निर्णय लिया है।

शासन का मानना है कि छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनिफार्म, जूते-मोजे, बैग, स्वेटर देने से भी बच्चों के नामांकन एवं ठहराव में सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कई प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों एवं अधिकारियों के व्यक्तिगत प्रयास से कुछ परिषदीय विद्यालयों को डिजिटल लर्निंग से सुसज्जित किया गया है। इससे लोगों का लगाव परिषदीय विद्यालयों से हुआ है।

स्कूलों में यह होंगी सुविधाएं

साइंस, मैथ एवं लैंग्वेज लैब, डिजिटल क्लास रूम, सफेद बोर्ड, 10 केवीए का सोलर सिस्टम, स्टॉफ एवं बच्चों के लिए फर्नीचर, टाइल्स, शौचालय एवं मूत्रालय, बाउंड्री वाल, खेल सामग्री, वॉटर कूलर, झूले, जलनिकासी, अग्निशमन यंत्र, शैक्षिक एवं अन्य खिलौने, माइक एवं ड्रम सिस्टम। इन सुविधाओं से स्कूलों को सुसज्जित किया जाएगा।स्कूलों के चयन के लिए खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। जिससे समय पर सूची भेजी जा सके और स्कूलों में समय पर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बजट मिल सके। रामपाल सिंह राजपूत, बीएसए

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