घाघरा नदी की धारा में विलीन हुई तीन रिहायशी मड़ईयां
जनपद के उत्तरी छोर पर बहने वाली प्रलंयकारी घाघरा नदी का जलस्तर में घटाव होने से कटान का खतरा बढ़ गया है। सोमवार को मुराली का पुरवा में तीन रिहायशी मड़ईयां घाघरा की मुख्य धारा में विलीन हो गयी। नदी की...
जनपद के उत्तरी छोर पर बहने वाली प्रलंयकारी घाघरा नदी का जलस्तर में घटाव होने से कटान का खतरा बढ़ गया है। सोमवार को मुराली का पुरवा में तीन रिहायशी मड़ईयां घाघरा की मुख्य धारा में विलीन हो गयी। नदी की कटान की तेजी से भयभीत देवारावासी अब अपने गृहस्थी का सामान समेटने में जुट गये है।
सगड़ी तहसील क्षेत्र के उत्तर दिशा में बहने वाली घाघरा नदी का जलस्तर दो बार खतरा बिंदु को पार कर चुका है। घाघरा नदी का जलस्तर तेजी से घटने के कारण कटान का खतरा भी बढ़ गया है। बदरहुआ गेज पर घाघरा नदी खतरा बिंदु के नीचे पहुंच गई है। जबकि डिघिया गेज पर जलस्तर अभी भी खतरा बिंदु के ऊपर बना हुआ है। घाघरा नदी का जलस्तर घटने के साथ ही तटवर्ती क्षेत्र के आबादी के करीब कटान हो रही है। सोमवार को मुराली का पुरवा में तीन रिहायशी मड़ईयां घाघरा नदी की मुख्य धारा में कटकर विलीन हो गयी। मुराली का पुरा के जगधर, रामचंद्र व रामनाथ की तीन रिहायशी मड़ईयां नदी के मुख्य जलधारा में विलीन होने से इन लोगों के द्वारा जल्दी-जल्दी अपने गृहस्थी के सामानों को खाली स्थान पर रखकर सहेजने में जुट गये। घाघरा नदी के जलस्तर में घटाव होने से आधा दर्जन से अधिक गांवों में ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कीचड़ युक्त रास्ते से गांव में गंदगी फैली हुई है, जिससे संक्रामक बीमारियों का लोगों में डर बना हुआ है। वहीं गांव में पशुओं के लिए चारे की समस्या खड़ी हो गयी है। एसडीएम सगड़ी अरविंद सिंह ने सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लेखपालों को निर्देश दिया कि घाघरा नदी की कटान में फसल व क्षेत्रफल को सूचीबद्ध करें। साथ ही कटान प्रभावित क्षेत्र में परिवारों को चिह्नित कर छोटे बच्चों, महिलाओं, पुरुषों, दिव्यांग व गर्भवती महिलाओं की सूचना प्रतिदिन उपलब्ध कराएं।