Celebration of Jivitputrika Vrat Mothers Observe 24-Hour Nirjala Fast for Sons Longevity जीवित्पुत्रिका पर्व पर पूरे दिन माताओं ने रखा निर्जला व्रत, Azamgarh Hindi News - Hindustan
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जीवित्पुत्रिका पर्व पर पूरे दिन माताओं ने रखा निर्जला व्रत

Azamgarh News - आजमगढ़ में जीवित्पुत्रिका व्रत श्रद्धा से मनाया गया। माताओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम को पूजा की और पुत्रों की दीर्घायु की कामना की। बाजारों में पूजा सामग्री, फल और मिठाइयों की भीड़ रही।...

Newswrap हिन्दुस्तान, आजमगढ़Mon, 15 Sep 2025 01:37 AM
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जीवित्पुत्रिका पर्व पर पूरे दिन माताओं ने रखा निर्जला व्रत

आजमगढ़, संवाददाता। नगर सहित जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में जीवित्पुत्रिका व्रत श्रद्धापूर्ण वातावरण में मनाया गया। पूरे दिन व्रती माताओं ने निर्जला व्रत रखा और देर शाम घरों, नदी, तालाब और मंदिरों पर इकट्ठा होकर विधि विधान से पूजन अर्चन कर पुत्र के दीर्घायु के लिए कामना की। इस मौके पर दीप और वस्त्र दान भी किया। जीवित्पुत्रिका पर्व को लेकर रविवार को बाजारों में सुबह से ही खरीदारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। फल,पूजन सामग्री और कपड़े की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ लगी रही। बाजारों में चढ़ावे के लिए फलों के साथ ही चीनी की मिठाइयों की खरीदारी की।

नगर के मुख्य चौक, ब्रह्मस्थान, हर्रा की चुंगी, पहाड़पुर, रैदोपुर, सिधारी, रेलवे स्टेशन, बेलइसा समेत अन्य मुहल्लों की महिलाएं घरों, तमसा नदी तट, पोखरे, मंदिरों के साथ ही विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर शाम होते ही एकत्र होकर निराजल व्रती माताओं ने गौरी गणेश की विधि विधान से पूजन अर्चन कर अपने पुत्रों के दीर्घायु की कामना किये। पूजा-पाठ के बाद कथा का श्रवण कर परिवार के मंगल की कामना की। साथ ही धार्मिक लोक कथाएं सुनकर धर्म की महत्ता को स्थापित करने का प्रयास किया। मान्यता है कि पर्व के मनाने के पीछे अभिज्ञान शाकुंतलम में ‘पुत्र पिंड परिपालनो नाम उपवास का उल्लेख है। इसमें यह दर्शाया गया है कि जीवित्पुत्रिका का व्रत देवी गौरी का व्रत है। इसमें शिवा की पूजन का विधान है। देहाती और लोक ख्याति में शिवा को सियामाई कहा जाता है। इस व्रत में जीमूतवाहन की पूजा का भी प्राविधान है। नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में पुत्र की मंगल कामना के लिए माताओं ने जीवित्पुत्रिका पर चौबीस घंटे निर्जला व्रत रखा। व्रती महिलाओं ने मंदिरों, तालाबों और नदियों पर जाकर पूजन अर्चन किया। जीवित्पुत्रिका की कथा सुनकर पुत्रों की मंगल कामना की। तरवां क्षेत्र के पवनी कला में जीवित्पुत्रिका व्रत पर निर्जला रहकर महिलाओं ने अपने पुत्र की लम्बी उम्र की कामना की। व्रती महिलाएं जगह-जगह गोठ लगाकर भगवान की आराधना करती नजर आई। फूलपुर, जहानागंज, रानी की सराय, निजामाबाद नगर सहित आस पास के क्षेत्रों में भी माताओं ने अपनों पुत्रों की दीर्घायु की कामना से जीवित्पुत्रिका ब्रत रखा। दिन भर निराजल रहते हुए शाम को शाम को व्रती महिलाओं ने समूह में एकत्र होकर ज्युतिया माता की विधि-विधान से पूजन कर कथा सुनी। पुत्रों की दीर्घायु के लिए माताओं ने निर्जला व्रत रख की पूजन अर्चन लालगंज। स्थानीय नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्र में जीवित्पुत्रिका पर्व पर रविवार को माताए 24 घंटे निर्जला व्रत रख कर पुत्रों के दीर्घायु के लिए विधि विधान से पूजन अर्चन कर कामना की। करिया गोपालपुर , नगर पंचायत के सिविल लाइन मोहल्ले के मिरिया माई स्थान पर गोट बनाया गया था। जहां नगर क्षेत्र की माताएं परिवार के साथ थाल में प्रसाद, धूप बत्ती लेकर गीत गाते हुए बैंड बाजे के साथ गोठ पर पहुंची। पूजन अर्चन के बाद पुत्रों के दीर्घायु और परिवार के मंगल की कामना की। पूजा स्थल पर ही जीविपुत्रिका व्रत की कथा सुनकर घर के लिए प्रस्थान किया। निर्जला व्रत रख माताओं ने की पुत्र के दीर्घायु की कामना सगड़ी। तहसील क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में जीवित्पुत्रिका के पर्व पर माताओं ने पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम घाटों पर गाजे बाजे के साथ पहुंची। विधि विधान से पूजन अर्चन कर पुत्र के लंबी उम्री की कामना की। तत्पश्चात गोंठ बनाकर माताओं ने कहानियां सुनी और प्रसाद चढ़ाया। अजमतगढ़ नगर पंचायत द्वारा महादेव नगर मंदिर पोखरे पर साफ सफाई किया गया था। जीयनपुर नगर पंचायत द्वारा कोइरिया पोखरे और अजमतगढ़ नगर पंचायत द्वारा गोगा भीखी शाह पोखरे की साफ सफाई दो दिन पूर्व ही करा दी थी। जहां नगर की सैकड़ों महिलाएं गाजा बाजा के साथ पोखरे पर पहुंचकर पुत्र के दीर्घायु की कामना की। इस दौरान पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद दिखे। क्षेत्र के जीयनपुर, लाटघाट, भदाव,अजमतगढ़,छपरा सुल्तानपुर, मालटारी, जोकहरा, रामगढ़, कठैचा, मिर्जापुर, करनपुर सरैया आदि स्थानों पर गांव की महिलाओं ने गोठ बनाकर कहानी सुनने के साथ पूजन अर्चन की। कई गांव में ग्राम प्रधानों द्वारा गरीब महिलाओं को पूजन अर्चन के लिए प्रसाद सामग्री उपलब्ध कराई गई थी।

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