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‘लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में भगत सिंह असल नायक’

शहीदे आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती पर कलक्ट्री कचहरी स्थित नेहरू हाल में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस दौरान ‘भगत सिंह के सपनों का लोकतंत्र व आज का समय’ विषय पर विभिन्न संगठनों के वक्ताओं...

‘लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में भगत सिंह असल नायक’
आजमगढ़। निज संवाददाताThu, 27 Sep 2018 08:26 PM
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शहीदे आजम भगत सिंह की 111वीं जयंती पर कलक्ट्री कचहरी स्थित नेहरू हाल में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस दौरान ‘भगत सिंह के सपनों का लोकतंत्र व आज का समय’ विषय पर विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखें। 

अध्यक्ष मंडल के सदस्य जयप्रकाश नारायण ने कहा कि भगत सिंह ने फांसी के तख्ते पर चढ़ने से पहले लेनिन की जीवनी पढ़ी थी। वह किताब बीच में ही छोड़कर फांसी के लिए चले गये थे। आज अगर भगत सिंह की विरासत को आगे बढ़ाना है तो जहां उन्होंने पन्ने को छोड़ा था, उसे वहीं से खोलना व पढ़ना होगा। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार लोकतंत्र की सारी संस्थाओं, सारे रूपों का खात्मा करने के एजेंडे पर काम कर रही है। अभिव्यक्ति, असहमति के सभी स्वरों पर दमन ढा रही है। बुद्धिजीवियों को नजरबंद किया जा रहा है और उनकी हत्या की जा रही है। ऐसे में भगत सिंह का जीवन और विचार हमारे के लिए एक पथ प्रदर्शक बना रहेगा। भगत सिंह आज लोकतंत्र बचाने की लड़ाई के हमारे असल नायक हैं। कन्हैया लाल यादव ने कहा कि भगत सिंह के विचारों के साथ हम शोषण विहीन समतामूलक समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। अध्यक्ष मंडल से रामकरन, दुखरन, प्रदीप ने भी अपनी बात रखी।

शहीदे आजम भगत सिंह जन्मदिवस समारोह समिति द्वारा भीमा कोरेगांव घटना की आड़ में नजरबंद किये गये पत्रकारों, संस्कृतिकर्मियों, बुद्धिजीवियों की तत्काल रिहाई और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार व दंडित करने की मांग की गयी। संचालन डॉ.रविन्द्र नाथ राय ने किया। इस मौके पर पंकज गौतम, डा.राजाराम सिंह, राजेश, राहुल, दुखरन, बदवर राव, सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, गौतम परेरा आदि मौजूद रहे। 

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