कृमि मुक्ति के लिए दवा खिलाने की प्रदेश की रैंकिंग में जनपद प्रथम
Azamgarh News - आजमगढ़ जिले ने कृमि मुक्ति के अभियान में प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। तीन दिवसीय इस अभियान में 16 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल दवा खिलाई गई। स्वास्थ्य विभाग ने 1 से 19 वर्ष के बच्चों को लक्षित...

आजमगढ़, संवाददाता। कृमि मुक्ति के लिए दवा खिलाने में प्रदेश की रैंकिंग में जनपद प्रथम रहा। तीन दिवसीय चले मुक्ति दिवस अभियान में 16 लाख अधिक बच्चों को दवा खिलाई गई। एक से 19 साल तक के उम्र के लोगों को दवा दी गई। शासन स्तर से समीक्षा में प्रदेश में जिले को पहला स्थान मिला है। स्वास्थ्य विभाग की ओर जिले में 11 अगस्त से 14 अगस्त तक तीन दिवसीय कृमि दिवस का आयोजन हुआ था। जनपद में दवा खिलाने का लक्ष्य 21 लाख 73 हजार रखा गया गया थ। इसके सापेक्ष जनपद में चले अभियान में 16 लाख आठ हजार नौ सौ लोगों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी गई।
जिसमें लगभग 91 प्रतिशत महिलाएं और 90 प्रतिशत पुरुष ने दवा दी। लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने एल्बेंडाजोल की खुराक ली। पूरे कार्यक्रम की निगरानी के लिए आरबीएसके की 44 टीमों को लगाया गया था। आबीएसके की गहन निगरानी से सफलता मिली। जनपद प्रदेश में पहले स्थान पर रहा। स्वास्थ्य विभाग की माने तो प्रत्येक छह माह के दौरान हर व्यक्ति को एल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करना चाहिए। जिससे पेट में हानिकारक कीड़े मर जाते हैं। पेट में हानिकारक कीड़ा होने के कारण जो ऊर्जा खान-पान से व्यक्ति को मिलनी चाहिए, वह उसे पूरी तरह से नहीं मिल पाती है। पेट में मौजूद कीड़े आवश्यक पोषक तत्वों को चूस लेते हैं, जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। छात्रों को निर्धारित समय पर एल्बेंडाजोल की दवा देनी चाहिए। विभाग की ओर से एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया था। घर-घर दी गई थी कृमि की दवा आशा कार्यकर्ताओं को गांव-गांव घूमकर घर-घर लोगों को कृमि दवा खिलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए करीब साढ़े चार हजार आशाओं को लगाया गया था। इनकी निगरानी के लिए आरबीएसके की 44 टीमों को लगाया गया था। सतत निगरानी से निर्धारित लक्ष्य का 70 प्रतिशत लोगों को कृमि की दवा दी गई। प्रदेश की रैंकिंग में पहला स्थान मिला। अभियान में लगी पूरी टीम की मेहनत से जनपद को प्रदेश की रैंकिंग में पहला स्थान मिला है। स्कूलों में बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी गई थी। ऐसे में अब कोई छूटा भी होगा तो वह अगले अभियान में जरुर खा ले या फिर अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल से प्राप्त कर सकता है। डॉ. अरविंद चौधरी, एसीएमओ नोडल अधिकारी।
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