
अयोध्या-संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज अस्पताल अब हो गया खुद बीमार
संक्षेप: Ayodhya News - कुमारगंज के 100 सैय्या संयुक्त चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। अस्पताल में मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएँ बंद होने लगी हैं, और महिला चिकित्सक भी अनुपस्थित रहती हैं। मरीजों को...
कुमारगंज, संवाददाता। मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमा पर स्थित 100 सैय्या संयुक्त चिकित्सालय कुमारगंज में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। संयुक्त चिकित्सालय अब मरीजों का इलाज करने के बजाय खुद ही बीमार हो गया है। अस्पताल पर मरीजों को दी जाने वाली नि:शुल्क सुविधा लगभग अब पूरी तरह से बंद होने लगी हैं। अस्पताल प्रशासन की नजर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बना नियम कानून कोई मायने नहीं रखता है। बताते चलें कि जिले में पिछड़े क्षेत्र के रूप में माने जाने वाले मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र की सीमा स्थित कुमारगंज से 2 किलोमीटर दूरी पर 100 सैया संयुक्त चिकित्सालय स्थापित किया गया है।
अस्पताल में महिला चिकित्सकों सहित एक दर्जन से अधिक चिकित्सकों की तैनाती भी है। लेकिन आलम यह है कि अस्पताल पर महिला चिकित्सक की तैनाती होने के बावजूद भी एक भी महिला चिकित्सक अस्पताल में उपस्थित नहीं रहती। अस्पताल में 11:00 बजे से ही रक्त जांच पटल बंद कर दिया जाता है। जबकि ओपीडी का समय 2:00 बजे तक है। यदि चिकित्सक जांच की सलाह देते हैं तो जांच पटल बंद हो जाने के चलते उनकी जांच नहीं हो पाती और उन्हें निराश होकर अपने घरों को लौटना पड़ता है। अस्पताल अस्पताल में उपलब्ध अत्याधुनिक डिजिटल एक्स-रे मशीन से विगत 3 माह से मरीजों को एक्स-रे फिल्म नहीं दी जा रही है। उनके मोबाइल पर फोटो खींचकर उन्हें डॉक्टर के पास भेज दिया जा रहा है। उन मरीजों को काफी परेशानी हो रही है जिनके पास एंड्राइड मोबाइल नहीं हैं। जब कि सूत्रों का कहना है कि अस्पताल में एक्स-रे फिल्म डंप पड़ी हुई है। केवल सीएमएस अपनी मनमानी एवं हठधर्मिता के चलते क्षेत्रवासी मरीजों को एक-रे फिल्म देने के लिए टेक्निशियन को मौखिक रूप से मना कर रखे हैं। और तो और बड़ी मशक्कत के बाद अस्पताल पर अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती हो सकी थी किंतु अस्पताल पर नि:शुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी इस समय बंद कर दी गई है और अल्ट्रासाउंड कक्ष के दरवाजे पर मशीन खराब होने की नोटिस विगत पखवाड़े से चश्पा कर दी गई। अस्पताल पर ऑर्थोपेडिक चिकित्सक होने के बावजूद भी पीड़ित मरीजों को सीधे राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज दर्शन नगर रेफर कर दिया जाता है। यही नहीं अस्पताल पर तमाम दवाएं भी उपलब्ध नहीं है जिसके चलते मरीजों को अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर पर दवा खरीदने में अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। अस्पताल पर दवाएं न उपलब्ध होने के चलते अब डॉक्टरों की भी बल्ले बल्ले हो गई है और वह अपने चहेते मेडिकल स्टोर से दवा खरीदने के लिए पर्ची भी थमा दे रहे हैं। अस्पताल पर बाहरी दलाल पूरी तरह से हावी हो गए हैं। सीएमएस डॉ रवि पांडे भी अस्पताल से लगभग नदारद ही रहते हैं। कभी शासन में मीटिंग तो कभी जिला मुख्यालय पर मीटिंग की बात बात कर वह अपने अनुपस्थिति का बहाना बताते रहते हैं।

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