अयोध्या-राम मंदिर के द्वितीय तल पर गर्भगृह का निर्माण पूरा
Ayodhya News - अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण की तैयारियाँ चल रही हैं। 25 नवम्बर तक सभी पूरक परियोजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गर्भगृह का निर्माण पूरा हो चुका है, जहां श्रीराम यंत्र की...

अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण की चल रही तैयारियों के बीच शीघ्रता से सभी पूरक परियोजनाओं को पूरा करने का दबाव भी बढ़ गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि का कहना है कि ध्वजारोहण समारोह की तिथि 25 नवम्बर के पहले राम मंदिर के साथ उससे जुड़ी पहले चरण की सभी योजनाओं को पूरा करने ही लक्ष्य है। उनका कहना है कि समारोह में राम मंदिर निर्माण व सभी परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने की घोषणा भी की जाएगी। यही कारण है कि सभी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एक साथ तेजी से काम हो रहा है।
रात-दिन चल रहे काम के चलते राम मंदिर के दूसरे तल के गर्भगृह का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। दूसरे तल के इस गर्भगृह में श्रीराम यंत्र की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा ग्रंथागार की भी स्थापना की जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय के मुताबिक इस ग्रंथागार के लिए देश के सभी राज्यों के अलग-अलग संस्थानों को पत्र लिखकर उनसे सम्बन्धित भाषा के प्राचीन रामायण की मूल प्रतियों को उपलब्ध कराने की मांग की गयी है। उन्होंने बताया कि इन सभी से आग्रह किया गया है कि वह चाहे तो ट्रस्ट को डोनेट करें अथवा 30 साल की लीज पर प्रदान करें। फिलहाल अभी इस मामले कोई विशेष प्रगति नहीं हुई है। फिर भी एक शोधार्थी ने ट्रस्ट से सम्पर्क किया है। इस शोधार्थी ने दावा किया कि उसके पास 58 भाषाओं में लिखित रामायण उपलब्ध है। 80 थ्री डी म्यूरल में से 60 म्यूरल लगाई जा चुकी है:राम मंदिर के लोअर प्लिंथ पर भगवान राम की जीवन यात्रा के वृतांत पर आधारित अलग-अलग 80 पेंटिंग तैयार की गयी है। यह सभी थ्री डी म्यूरल पेंटिंग श्रीराम जन्मभूमि परिसर में लाई जा चुकी है और इन्हें लगाने का काम भी पूरा गति व तन्मयता के साथ हो रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 80 म्यूरल्स में से अब 60 म्यूरल्स को लगाया जा चुका है। इसी तरह से राम मंदिर में शिखर निर्माण को लेकर तीन टावर क्रेन में से दो पहले हटा दी गयी थी जबकि तीसरी सबसे बड़ी टावर क्रेन को राम मंदिर के सुपर स्ट्रक्चर पर चल रही वाटर प्रूफिंग के चलते रोक दिया गया था। फिलहाल वाटर प्रूफिंग का काम भी पूरा हो गया है और टावर क्रेन को भी हटा दिया गया है। इस टावर क्रेन के हटने के कारण परकोटे की दक्षिण -पूर्व व दक्षिण -पश्चिम भुजाओं का रुका हुआ काम स्वत: आगे बढ़ गया है।
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