राम मंदिर के परकोटे में रामायण प्रसंगों से चित्रित ब्रांज मेटल प्लेट लगाने की प्रक्रिया शुरू
Ayodhya News - अयोध्या में राम मंदिर की निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए भवन-निर्माण समिति की बैठक शुरू हुई। चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने हनुमानगढ़ी में पूजा की और फिर विभिन्न परियोजनाओं का भौतिक...

अयोध्या। राम मंदिर में निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा को लेकर हर पखवाड़े होने वाली भवन-निर्माण समिति की बैठक शुक्रवार को शुरू हो गयी। तीन दिवसीय के पहले दिन अयोध्या पहुंचे भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी में जाकर शीश नवाया और फिर रामलला का दर्शन किया। इसके उपरांत उन्होंने समिति के सदस्यों व निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के साथ अलग-अलग सभी सभी परियोजनाओं की प्रगति का भौतिक सत्यापन किया। इस दौरान उन्होंने परकोटे में लगाए गए ब्रांज मेटल के चित्र जिसमें चतुर्भुज रुप धारिणी भारत माता के चित्र का अनावरण किया। इस चित्र में देवी सिंह वाहन पर सवार हैं और उनके एक हाथ खड्ग व कमल पुष्प व एक में भगवान ध्वज है। परकोटे में ब्रांज मेटल प्लेट की लंबाई छह फिट 5 इंच, ऊंचाई पांच फिट व मोटाई दो फिट छह इंच है। बताया गया कि इस प्रकार के 80 से अधिक प्लेट पूरे परकोटे में लगाए जाएंगे। इनमें अधिकांश चित्र रामायण के उन प्रसंगों से छांटें गये है, जो भगवान राम के मर्यादा पुरुषोत्तम बनने की यात्रा का वृत्तांत दर्शाते हैं।
लोअर प्लिंथ पर वाल्मीकि रामायण के प्रसंगों के श्लोक भी लिखे गये:
उधर लोअर प्लिंथ में पत्थरों पर चित्रित रामायण के प्रसंगों को एपिसोड के रूप में लगाने की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन पर सम्बन्धित प्रसंगों को लेकर वाल्मीकि रामायण के संस्कृत श्लोक भी लिखे गये है और उनका हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया है। भवन निर्माण समिति चेयरमैन मिश्र सहित सदस्यों ने इन चित्रों का भी अवलोकन किया। इसके अतिरिक्त अन्य योजनाओं के कार्य का भी निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में सीबीआरआई के पूर्व निदेशक एके मित्तल, राम मंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा व निखिल सोमपुरा, डिजाइन एसोसिएट के आर्किटेक्ट जय कानिटकर, चित्र कार वासुदेव कामत, जगदीश आफले, व अन्य शामिल रहे।
शेषावतार मंदिर के कालम भी प्राप्त कर रहे ऊंचाई :
इस समीक्षा बैठक को लेकर श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र ने बताया कि बैठक में अलग-अलग परियोजनाओं की समीक्षा की गयी। इस समीक्षा में पाया गया कि सप्त मंडपम के सातों मंदिरों में महर्षि वाल्मीकि के मंदिर का 90 प्रतिशत निर्माण पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि शेष मंदिरों में भी 70-80 प्रतिशत निर्माण हो गया है। इसी तरह से शेषावतार मंदिर के कालम भी खड़े हो रहे हैं और अधिकांश कालम पूरी ऊंचाई ग्रहण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि परकोटे के सभी छह मंदिरों की भी प्रगति संतोषजनक है। उन्होंने बताया कि पीएफसी में भी फिनिशिंग का कार्य चल रहा है। यह जनवरी के पहले सप्ताह तक हैंड ओवर हो जाएगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।