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अबकी देखने को नहीं मिलेंगे पहलवानों के दांव-पेच

कोरोना वायरस का असर अब नगर के धार्मिक उत्सवों और संस्कृति कार्यक्रमों पर भी दिखने लगा है। नाग पंचमी पर औरैया सत्ती तालाब सहित कई स्थानों पर लगने वाले मेले इस बार नहीं लगेंगे। नाग पंचमी पर आयोजित होने...

अबकी देखने को नहीं मिलेंगे पहलवानों के दांव-पेच
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,औरैयाThu, 23 Jul 2020 10:45 PM
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कोरोना वायरस का असर अब नगर के धार्मिक उत्सवों और संस्कृति कार्यक्रमों पर भी दिखने लगा है। नाग पंचमी पर औरैया सत्ती तालाब सहित कई स्थानों पर लगने वाले मेले इस बार नहीं लगेंगे। नाग पंचमी पर आयोजित होने वाले दंगलों में प्रसिद्ध पहलवान अपने दांव-पेंच से लोगों को रिझाते थे। इस बार यह नजारा भी देखने को नहीं मिलेगा।

आषाढ़, सावन और भादों के महीने लोक देवी और देवताओं के लिए समर्पित हैं। इस माह में जिले भर में कई मेले लगते हैं। इनमें औैरैया सत्ती तालाब, सेहुद सहित कई स्थानों के पूजन स्थलों पर विविध धार्मिक एवं सांस्कृति आयोजन होते हैं। इस बार कोरोना वायरस के कारण यह सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं होंगे। नाग पंचमी के उपलक्ष्य में पिछले कई दशकों से हर साल जिले में हरियाली तीज से लेकर अष्टमी तक मेला सहित कई कार्यक्रम होते हैं। इनमें दंगल, नाग पूजन आदि शामिल हैं। विभिन्न संगठनों के संचालकों का कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के कारण यह फैसला लिया गया है। इस बार मेला नहीं लगेगा और न ही दंगल होगा। औरैया कोतवाली के गोहानी गांव निवासी पहलवान मनोज ने कहा कि इस बार कोरोना की दृष्टिगत दंगल का आयोजन नहीं होगा। इससे युवा पहलवान अपने दमखम नहीं आजमा पाएंगे और दर्शकों को भी दाव-पेंच नहीं देखने को नहीं मिल सकेंगे। कुश्ती की तैयारी आयोजन से पहले होती थी जो कोरोना के चलते इस बार नहीं हो सकी।

कभी लगते थे जिले के दर्जनों स्थानों पर मेले

क्षेत्र में नाग पंचमी का बड़ा महत्व है। इस अवसर पर संपेरे नागों की कई प्रजातियां लेकर आते थे। इन नागों की पूजा और दर्शन के लिए भी भारी संख्या में लोग उमड़ते थे। लेकिन अब यह मेले लगभग लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। हालांकि इक्का दुक्का सपेरे मोहल्ले मोहल्ले घूमकर सांप का दर्शन कराकर अभी भी अपना अस्तित्व बचाए हुए हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण यह भी प्रभावित हो गया है। नागपंचमी के आगमन को लेकर बच्चों में खासा उत्साह रहता था। क्षेत्र के अखाड़े और स्कूलों में दंगल की तैयारियां काफी पहले से आरंभ हो जाती थी।

कोट

युवा पहलवान अखाड़ांे में नित्य अभ्यास करते हैं। नाग पंचमी, बुढ़वा मंगल व तीज को लेकर उनमें खास उत्साह होता है। इस दिन जिले मंे कई जगह दंगल आयोजित किए जाते थे। जिसमें पहवान अपने दांव पेंच दिखाकर अपनी खास पहचान बनाता था। इसके साथ ही उसे अच्छा खासा पारितोषिक भी मिलता था। मगर इस बार कोरोना की वजह से दंगल का आयोजन नहीं होगा। इससे युवा पहवान चिंतित हैं।

कोट

औरैया के जिलाजीत रहे मनोज भी कोरोना की वजह से दंगल के आयोजन न होने से परेशान हैं। उनका कहना है कि गांव में सामूहिक दंगल चलता रहता है। नाग पंचमी बुढ़वा मंगल पर आयोजत होने वाले दंगल में प्रदर्शन करना युवा पहलवानों की हरसत होती है। जिसमें आयोजन प्रदेश के कई जनपदों के मशहूर पहलवानों को बुलाया जाता था। मगर इस बार कोरोना की वजह कानून का पालन करना ही पडे़गा।

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